Indore Metro Inspection: इंदौर मेट्रो का शनिवार को सेफ्टी रन किया गया. इस दौरान मेट्रो टेªन के एमडी मनीष सिंह खुद मौजूद रहे. आपको बता दें कि आगामी 15 सितम्बर को इंदौर मेट्रो का ट्रायल रन किया जाना है. इधर सेफ्टी रन के बाद ये उम्मीद लगाई जा रही है कि आगामी 15 सितम्बर तक मेट्रो का ट्रायल रन भी पूरा कर लिया जाएगा.


मेट्रो ट्रेन कॉरपोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने आज इंदौर पहुंच कर यहाँ मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारियां देखी. उन्होंने गांधीनगर डिपो में जाकर अधिकारियों से चर्चा की. उनके समक्ष मेट्रो के कोच सैफ्टी ट्रायल के लिए डिपो से बाहर निकले. जब मेट्रो ट्रेन बाहर निकली, तो उस समय भारी बारिश हो रही थी. बरसते पानी में मनीष सिंह ने समूचे परिसर का दौरा किया और निकटवर्ती स्टेशन में जाकर व्यवस्था देखी और चल रहे कार्यों को देखा. 


उन्हें आगामी दिनों ट्रायल रन के लिए होने वाले कार्यक्रम के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. मनीष सिंह ने वहां काम कर रहे मज़दूरों से भी चर्चा की. उन्होंने यहां सिलीगुड़ी से काम करने के लिए आए श्रमिकों से उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की भी जानकारी ली और मेट्रो ट्रेन के अधिकारियों को विशेष तोर पर इन मजदूरों को ध्यान रखने के लिये निर्देशित किया.



मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी माने जाने वाले शहर इंदौर में जल्द ही मेट्रो शुरू होने वाली है. मेट्रो की पहली ट्रेन अनलोड होने के बाद करीब 300 इंजीनियर और 2500 से ज्यादा कर्मचारी तीन शिफ्ट में दिन रात काम कर रहे हैं. बता दें कि यह पहला मौका होगा जब इंदौर में 10 दिन के सबसे कम समय में मेट्रो कोच को तैयार कर प्लेटफार्म पर खड़ा किया गया. 


यह देश में अपने-आप में एक तरह से सबसे कम समय में मेट्रो को चलाने का रिकार्ड है. मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि जिन पटरियों पर मेट्रो ट्रेन चली उसके पास बिछाई गई थर्ड रेल को पहले चार्ज किया गया था. इसके बाद मेट्रो कोच की वायडक्ट की पटरियों पर चलाकर टेस्टिंग की गई. 14 सितंबर को गांधी नगर से सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक 5.8 किमी पर मेट्रो का ट्रायल रन होना है. जिसको लेकर इंदौर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ट्रायल रन की तैयारी अंतिम दौर में है. 


मेट्रो में किया गया AI का इस्तेमाल
बता दें, इंदौर मेट्रो को दुनिया की लीडिंग टेक्निक (ऑटोमैटिक ग्रेड -4) के साथ डिज़ाइन किया गया है. इसकी डिजाइनिंग में ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल किया गया है. यह टेक्निक मेट्रो की सेफ्टी और एनर्जी सेविंग के लिए काम करती है. मेट्रो के हर कोच में आठ दरवाजे होंगे. इस मेट्रो में सीसीटीवी, एक डिस्प्ले यूनिट, एसी, लेटेस्ट लाइट कंट्रोल, पैसेंजर इमरजेंसी कम्युनिकेशन यूनिट जैसे फीचर दिए जाएंगे, ताकि आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात कर सकें. यात्रियों को आग से सुरक्षित रखने के लिए ट्रेन डिजाइन सबसे सुरक्षित लेवल या HL-3 लेवल से तैयार किया गया है.


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