Madhya Pradesh News: कोरोना के दौर में पूरे मध्य प्रदेश में हॉटस्पॉट रहे इंदौर (Indore) को स्वास्थ सेवाओं के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization) ने जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन (Genome sequencing machine) इंदौर भेजी है. इसके बाद अब इंदौर में ही किसी भी वायरस के वेरिएंट (Corona Virus Variants) की जांच हो सकेगी. इसके लिए अब इंदौर को भोपाल (Bhopal) और दिल्ली (Delhi) पर भी निर्भर नहीं होना पड़ेगा. यह मशीन एक महीने में काम करना शुरू कर देगी. कोरोना के समय इतने ज्यादा मरीज मिलने के बाद भी अभी तक शहर को यह मशीन नहीं मिल पाई थी. 


एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची मशीन
दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इंदौर की मदद के लिए आगे आया है. उसके द्वारा भेजी गई जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College) पहुंच गई है. इस मशीन को जल्द ही माइक्रो बायोलाजी लैब में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद किसी भी वायरस के वेरिएंट का केवल कुछ दिनों में ही पता चल सकेगा. वहीं अब इस टेस्ट के लिए इंदौर को भोपाल और दिल्ली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. 


एक महीने में शुरू करेगी काम करना
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित ने बताया कि मशीन उनके कॉलेज में पहुंच गई है. इसे माइक्रो बायोलाजी विभाग में स्थापित किया जाएगा. मशीन एक मह में काम शुरू कर देगी. इसके बाद इंदौर में ही सभी तरह के वायरस के वेरिएंट का पता लगाया जा सकेगा. वहीं अभी तक जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन नहीं होने से सैंपल बाहर भेजने पड़ते हैं. रिपोर्ट मिलने में देरी की वजह से इलाज प्रभावित होता है. अब इंदौर में जांच होने लगेगी तो रिपोर्ट जल्दी मिलेगी.


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