Indore News: इंदौर (Indore) जिले में विद्युत वितरण कंपनी ये दावा करती है कि यहां 23 घंटे 58 मिनट बिजली की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन बिजली की लगातार आंख मिचौली से कंपनी का यह दावा झूठा साबित हो रहा है. बिजली कंपनी के कर्मचारी मानते है की संसाधनों और कर्मचारियों की कमी के कारण यह हालात बन रहे हैं. साथ ही प्री मॉनसून मेंटेनेंस भी अब कागजों पर ही हो रहा है.


पिछले कुछ सालों से मध्य प्रदेश में बिजली सरप्लस हो रही है. प्रत्येक जिलों में आपूर्ति भी निर्बाध हो रही थी, लेकिन करीब एक महीने से बिजली की आंख मिचौली बिजली कंपनी के साथ सरकार के लिए भी सिरदर्द बनी हुई है. खासकर इंदौर जैसे जिले में दो-दो घंटे बिजली गुल हो रही है, जबकि कंपनी का दावा है कि जिले में 23 घंटे 58 मिनट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. पिछले कुछ दिनों से तो यहां विद्युत आपूर्ति का सिस्टम ही गड़बड़ा गया है. कब बिजली गुल हो जाए, कहा नहीं जा सकता. 


कंपनी में कर्मचारियों और अधिकारियों की भारी कमी
वहीं जब इस संबंध में तकनीकी कर्मचारियों से चर्चा की गई, तो उनका कहना था की पहले प्री मॉनसून मेंटेनेंस जिम्मेदारी के साथ होता था. अब सिर्फ कागजों पर होता है. यहां साधन भी उपलब्ध नहीं है और कर्मचारियों की भी भारी कमी है. बिजली कंपनी में स्थाई कर्मचारियों और अधिकारियों की भारी कमी हो गई है, जिसके चलते आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है. बरसात के दिनों में यह समस्या और बढ़ जाएगी, जो सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करेगी. बता दें चुनावी साल में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने गुल हो रही बिजली को लेकर सख्त आदेश जारी किया है.


ये आदेश किया गया जारी
बता दें प्रदेश में एक घंटे में यदि आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. साथ ही जून में अब किसी भी तरह का मेंटेनेंस नहीं होगा. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय से ताजा आदेश जारी हुआ है. आदेश में आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव और वर्षा ऋतु को देखते हुए विद्युत प्रदाय पर ध्यान देने की बात कही गई है. अधीक्षण यंत्री और जोन के प्रभारी इंजीनियरों को आदेश दिया गया है कि, जून में अब मेंटेनेंस के लिए बिजली बंद करने का कोई परमिट जारी नहीं किया जाएगा.


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