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इंदौर के प्रतिष्ठित होलकर विज्ञान महाविद्यालय में बीसीए थर्ड ईयर के दो छात्रों द्वारा परीक्षा टालने के लिए एक गंभीर साजिश रचने का मामला सामने आया है. जिसमें छात्रों ने कॉलेज की प्राचार्य के आकस्मिक निधन की झूठी खबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी, जिससे कॉलेज में भ्रम का माहौल बन गया.


दरअसल कॉलेज प्रशासन ने जब इस भ्रामक जानकारी की सच्चाई जानने के लिए जांच की, तो पता चला कि यह एक शरारत नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, ताकि परीक्षा स्थगित हो सके. कॉलेज की प्राचार्य ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भंवरकुआं थाने में शिकायत दर्ज कराई.


संबंधित धाराओं के तहत प्रकरण किया गया है दर्ज


पुलिस जांच के दौरान दो छात्र मयंक कछवाल और हिमांशु जायसवाल की भूमिका सामने आई. इसके बाद दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि यह घटना सोशल मीडिया के ज़रिए अफवाह फैलाकर शैक्षणिक संस्थान के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास है. आगे की जांच जारी है और छात्रों के मोबाइल व सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है.


प्राचार्य ने कार्रवाई की मांग की
महाविद्यालय की प्राचार्य जैन ने बताया कि यह नकली पत्र सोशल मीडिया पर फैलने के बाद मैं और मेरा परिवार बहुत तनाव में हैं. कई लोग इसे सच मानकर शोक व्यक्त करने मेरे घर आ धमके. उन्होंने कहा कि पुलिस को दोनों दोषियों पर सख्त कानूनी कदम उठाने चाहिए. इससे भविष्य में ऐसी घटनाएं रुक सकें.


उन्होंने बिना किसी नाम का जिक्र किए कहा कि कुछ असंतुष्ट लोग लंबे समय से अलग-अलग तरीकों से उन्हें तंग कर रहे हैं. इससे वे प्राचार्य के रूप में अपने कर्तव्यों को सही ढंग से न निभा पाएं. दूसरी ओर, दोषियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) के तहत तीन साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही, उन पर जुर्माना भी लग सकता है.