Indore Collector Order: इंदौर में लगातार हाइराइज भवनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसे में इन बड़े-बड़े भवनों में आग बुझाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग और फायर विभाग को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ती है. लगातार आगजनी की घटनाएं होने के बाद इंदौर कलेक्टर ने एक बड़ा फैसला लिया है और इस फैसले के तहत कलेक्टर ने आदेश जारी किया है. आइये जानते हैं क्या है आदेश?


बीते दिनों इंदौर के C21 मॉल के सामने स्थित एक टावर के रूफटॉप रेस्टोरेंट में आग लग गई थी और इस आग लगने के बाद इस से बुझाने के लिए फायर कर्मियों को अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी, वहीं दूसरी वजह यह भी है कि इंदौर में ऊंचे भवनों में आग लगने के बाद उसे बचाने के संसाधन मौजूद नहीं है और अक्सर इस तरह भवनों में आग लगती है तो उसे संभालना फायर टीम के लिए बड़ा मुश्किल हो जाता है.






गाइडलाइन जारी की है
इसी तरह बीते दिनों इंदौर के इंडस्ट्री हाउस भवन में भी आग लग गई थी यह भी काफी ऊंची इमारत है जिसमें टॉप फ्लोर में आग लगी आग लगने के बाद काफी देर तक उसे बुझाया नहीं जा सका था, हालांकि इन दोनों घटनाओं में अच्छी बात यह रही की कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन भविष्य में इस तरह की घटना ना हो उसको लेकर इंदौर कलेक्टर ने एक गाइडलाइन जारी की है और इस गाइडलाइन के तहत ही एनओसी जारी की जाएगी, इसके लिए कलेक्टर ने एक महीने का वक्त भी तय किया है.


भवन मालिकों को मिला एक माह का समय
दरअसल इंदौर जिले में लगभग 25 हजार से अधिक बिल्डिंग ऐसी हैं जो साढ़े 12 मीटर से अधिक ऊंचाई की है जिसमें अग्नि सुरक्षा के विशेष उपाय ज़रूरी हैं.  कलेक्टर आशीष सिंह ने इन सभी भवन मालिकों को एक महीने का वक़्त देते हुए अपने भवनों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि इस अवधि के बाद निर्देशों का पालन नहीं करने की स्थिति में इन भवनों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी.


कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर में ऐसे व्यापारिक एवं वाणिज्यिक भवनों की लिस्ट तैयार है जहां पर फ़ायर फ़ाइटिंग के लिए आवश्यक उपकरण लगाए जाने हैं.


ये है गाइडलाइन
-व्यापारिक और वाणिज्यिक भवनों में जिनकी ऊंचाई 10 मीटर से कम हैं वहां पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फस्ट हॉज रील, डाउन राइजर, मैन्यूअली फायर अलार्म सिस्टम, टैरेस टैंक (10 हज़ार लीटर) और फायर पम्प (450 एलपीएम)  होना आवश्यक है.


-ऐसे वाणिज्यिक एवं व्यापारिक भवन जिनकी ऊंचाई 10 मीटर से 15 मीटर के बीच में हैं वहाँ पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फस्ट हॉज रील, डाउन राइजर, ऑटोमेटिक (बेसमेंट एरिया 200 m2), मैन्यूअली फायर अलार्म सिस्टम, अंडरग्राउंड वाटर (50 हजार लीटर), टैरेस टैंक (5 हज़ार लीटर) और फायर पम्प होना आवश्यक है.


-ऐसे वाणिज्यिक एवं व्यापारिक भवन जिनकी ऊंचाई 15 मीटर से 30 मीटर के बीच है, वहाँ पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फस्ट हॉज रील, वेट राइजर/डाउन कमर, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर, यार्ड हाइड्रेंट, मैन्यूअली फायर अलार्म सिस्टम एवं ऑटोमेटिक अंडरग्राउंड वाटर टैरेस पंप, अंडर ग्राउंड वाटर (डेढ़ लाख लीटर) और टैरेस टैंक (20 हजार) और फायर पम्प होना ज़रूरी है.


ये भी पढ़ें: पीएम मोदी 15 दिनों में दूसरी बार पहुंच रहे एमपी, इन जगहों पर करेंगे रैली और रोड शो