Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में बजरंग दल कार्यकर्ताओं (Bajrangdal) पर लाठीचार्ज (Lathi Charge) और उसके बाद डीसीपी और टीआई को हटाने की एक तरफा कार्रवाई का पुलिस अफसर सोशल मीडिया (Social Media) पर विरोध जता रहे हैं. इंदौर में पहली बार पुलिस अफसरों और कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज करवाया जा रहा है. इसको लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरु हो गई है.
इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठी भांजने की वीडियो वायरल होने के बाद, जो विवाद शुरू हुआ वो अब तक थमने का नाम नही ले रहा है. सड़क से शुरू हुआ विवाद अब सोशल मीडिया पर आ चुका है. पुलिस अफसर अब इसे अपने आत्मसम्मान से जोड़कर देख रहे हैं. इससे पहले इंदौर में पुलिस अफसरों का ऐसा विरोध कभी देखने को नहीं मिला.
पुलिस ने क्या लिखा पोस्ट में?
दरअसल लाठीचार्ज की घटना के बाद इंदौर पुलिस के डीसीपी और थाना प्रभारी को प्रदेश सरकार ने हटा दिया था. इसके बाद मामले में एक नया वीडियो जारी किया गया. इस वीडियो में बजरंग दल के कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे थे. वहीं वीडियो जारी होने के अगले दिन पुलिस अफसरों ने अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक डीपी स्टेटस लगाया जिसमें सिर्फ एक लाइन लिखी थी और वह लाइन थी 'खाकी का भी तो मान है ना.'
बजरंग दल ने दी ये प्रतिक्रिया
शुक्रवार (23) को दिनभर से बजरंग दल लाठीचार्ज मामले में पुलिस अफसरों के सोशल मीडिया हैंडल पर ये स्टेटस देखने को मिले. वही शाम को बजरंग दल नेता तन्नू शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर ही इन स्टेटस का जवाब दिया. उन्होनें अपनी पोस्ट में लिखा- वर्दी का सम्मान है और रहेगा पर वर्दी की आड़ में युवक युवतियों को एमडी ड्रग परोसने वालों को बचाना, ऐसे तो इंदौर को बर्बाद नहीं होने देंगे. अपनी गलती को छुपाने के लिए बजरंग दल को बदनाम नहीं करें. हर स्थिति में बजरंग दल वर्दी के साथ पर फर्जी का विरोध हमेशा रहेगा.
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