सीहोर: हमारा देश भले आज चांद और मंगल ग्रह तक पहुंच चुका हो, लेकिन परंपरा और अंधविश्वास की बेड़ियों से मुक्त नहीं हो पाया है. अस्था और अंधविश्वस का ऐसा ही खेल सीहोर के लसूड़ियापरिहार गांव में देखने को मिला. दरअसल यहां सर्पदंश का शिकार लोग अच्छे स्वास्थ्य की कामना लेकर नागों की अदालत में पहुंच रहे है. नागों की ये अदालत पिछले कई सालों से यहां लग रही है. यहां पहुंचने वाले लोगों का मानना है कि पेशी पर नाग देवता खुद मानव शरीर में प्रवेश कर डसने का कारण बताते हैं.


दीवाली के दूसरे दिन लगती है सांपों की अदालत


बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सीहोर जिले से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर सांपों की अदालत लगती है. दिपावली के दूसरे दिन पड़वा पर ऐसा नजारा हर साल देखने को मिलता है. यहां के राम मंदिर में सांपों की अदालत लगती है. इस साल भी यहां काफी संख्या में सर्प दंश का शिकार लोग पहुंचे हैं. ये लोग यहां सांपों के काटने का कारण जानना चाहते हैं ताकि भविष्य में उनके साथ ऐसी घटना दोबारा ना हो. इसके लिए सांपों से वचन भी लिया जाता है.




कई सालों से चली आ रही है ये प्रथा


गौरतलब है कि आस्था या अंधविश्वास की ये प्रथा कई सालों से चली आ रही है. ग्राम के नन्दगिरी महाराज की माने तो यहां होने वाली सांपों की पेशी हमारी तीन पीढ़ी करती आ रही है. सांप की आत्मा सर्प दंश से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे आकर काटने का कारण बताती है. सांपों की पेशी में आने का कार्यक्रम सुबह से शुरू हो जाता है जो शाम तक चलाता रहता है.


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