जबलपुर: मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और प्रवेश परीक्षाओं में ओबीसी आरक्षण मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है. उम्मीद थी कि आज सरकार ओबीसी से संबंधित डाटा हाईकोर्ट में पेश करेगी लेकिन इस बार भी सरकार ने किसी भी तरह का डाटा पेश नहीं किया. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उसे बहस के लिए अभी और वक्त चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि अगली बहस सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से की जाएगी. इसके लिए अगली तारीख दी जाए. 


कौन सा पीठ कर रहा है सुनवाई


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में समर वेकेशन शुरू होने वाला है, लिहाजा सभी याचिकाओं पर सुनवाई जून माह के लिए टल गई है.जस्टिस शील नागू और जस्टिस एम एस बट्टी ने मामले पर अगली सुनवाई अब 22 जून को नियत की गई है.


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि सरकार ओबीसी मामले पर आखिरकार जनसंख्या का डाटा क्यों नहीं दे रही है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार स्वेच्छा से ओबीसी संबंधित डाटा पेश कर सकती है. यानी अब उम्मीद की जा रही है कि अगली सुनवाई पर सरकार की ओर से ओबीसी संबंधित डाटा पेश किया जाएगा.


क्या है ओबीसी आरक्षण का मामला


यहां आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया था. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में 61 याचिकाएं दायर की गई हैं. कुछ याचिकाओं में बढ़े हुए आरक्षण का विरोध किया गया है तो वहीं कुछ याचिकाओं के जरिए इस आरक्षण को सही ठहराया गया है. बहरहाल अब देखना होगा कि 22 जून को जब सरकार हाईकोर्ट में अपनी बहस शुरू करती है तो क्या मध्य प्रदेश में ओबीसी संबंधित डाटा भी पेश कर पाएगी, क्योंकि हाल ही में बिसेन आयोग की ओर से मध्य प्रदेश के 48 जिलों में ओबीसी संबंधित डाटा कलेक्ट किया गया है.


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