Rebellions In BJP:  भारतीय जनता पार्टी इन दिनों अपने ही नेताओं की मुखरता से खासी परेशानियों के दौर से गुजर रही है. अब तक तो मध्यप्रदेश की भाजपा प्रदेश की भाजपा नेत्रियों उमा भारती और प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुखरता से परेशान दिख रही थी. लेकिन अब इसी कड़ी में मध्य प्रदेश शासन के एक पूर्व मंत्री भी जुड़ गए हैं. दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि राशन के दुकानों में गेहूं का आवंटन नहीं हुआ तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसकी शिकायत करेंगे.


राज्य सरकार को दी एक सप्ताह की चेतावनी


राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन पिछले दिनों बालाघाट, छिंदवाड़ा के दौरे पर थे. अपने दौरे के दौरान अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन क्षेत्र की राशन दुकान पर जा पहुंचे. अपने दौरे के दौरान अध्यक्ष बिसेन ने कलेक्टर की गैर-मौजूदगी पर नाराजगी भी जताई. राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने राशन दुकानों में गेहूं की उपलब्धता के लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि सप्ताह भर में गेहूं की उपलब्धता के लिए केन्द्र से बातचीत नहीं की गई तो वे सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिकायत करेंगे. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि बालाघाट व छिंदवाड़ा की राशन दुकानों पर गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है. वे राज्य और केन्द्र के नागरिक आपूर्ति मंत्रियों से बातचीत कर चुके हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सवाल यह है कि पिछले सीजन में प्रदेश में 1.90 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी, फिर यह गेहूं आखिर कहा गया. इसका जवाब देना होगा.


गरीब की थाली से गायब हुई रोटी


बता दें कि बीते छह-सात महीनों से रोशन दुकानों से उपभोक्ताओं को गेहूं कम, जबकि चावल अधिक दिया जा रहा है. जबकि बाजार में गेहूं के दाम 2500 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं. गरीब व्यक्ति इतना महंगा गेहूं नहीं खरीद सकता, नतीजतन निर्धन परिवारों की थाली से रोटी गायब सी हो गई है, अब ऐसे परिवारों को चावल से ही काम चलाना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि निर्धन परिवारों के बड़े सदस्य तो चावल से गुजारा कर रहे हैं, लेकिन बच्चों को परेशानी महसूस हो रही है.


राज्य सरकार ने लिखा PM मोदी को पत्र


बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा था, इस पत्र में बताया कि प्रदेश में राशन दुकानों पर पर्याप्त गेहूं की उपलब्धता कराई जाए, जैसे पहले चार किलो गेहूं और एक किलो चावल प्रति सदस्य मिलता था उसी हिसाब से अब उसी व्यवस्था को पुन: लागू किया जाए.


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