Indore News: बीते छह साल से इंदौर शहर भलें ही स्वच्छता में नंबर एक के पायदान पर बना हुआ है. लेकिन इस बार हालत कुछ ठीक नजर नहीं आ रहे हैं. नगर निगम की लापरवाही अक्सर लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. ताजा नमूना उस वक्त देखने को मिला जब इंदौर के ट्रेन्चिंग ग्राउंड पर घंटों तक धुंआ उठता नजर आया. ये धुंआ देख शहर के समाजसेवियों ने इसकी शिकायत जिम्मेदारों से की है.लेकिन अभी इसका कोई  समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है. 


नेपाल के प्रधानमंत्री ने किया था दौरा


माँ अहिल्या की नगरी इंदौर में स्वच्छता आज दुनियाभर के लिए मिसाल बन गई है. हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल भी यहां की सफाई व्यवस्था और उसके मेकेनिज्म को समझने आए थे. वे तारीफ करके गए. लेकिन नेपाली प्रधानमंत्री के जाने के महज आठ दिन बाद ही जिस प्लांट का उन्होंने दौरा किया, वहां से धुंआ निकलने लगा. ये धुंआ जहरीला है. वह लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है.इस क्षेत्र में लाखों लोग निवासरत हैं.अक्सर उठने वाले धुंए से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. 


क्या कहते हैं स्थानीय लोग
एक स्थानीय निवासी नारायण तिवारी कहते हैं, ''हमारे कॉलोनी में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. ये कॉलोनी कचरा प्रोसेसिंग प्लांट के नजदीक है, ऐसे में अक्सर यहां आग लगती रहती है. निगम को शिकायत करते हैं तो सुनवाई होती तो है लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही हाल हो जाता है. इसलिए हम चाहते हैं कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए.'' 



इंदौर के जिम्मेदार लोगों से अपील


इंदौर के सनावदिया गांव में स्थित 'जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट' की संस्थापिका और निदेशक पद्मश्री डॉ जनक पलटा मगिलिगन ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर आपत्ति जताई है.उन्होंने लिखा है, "इंदौर का सबसे बड़ा खतरा जहरीला प्रदूष्ण भरा नर्क. देवगुराडिया  ट्रेन्चिंग ग्राउंड मप्र प्रदूषण बोर्ड देख रहे है क्या? यह वीडियो देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड का सवेरे 6:00 बजे का है. पता नहीं वहां क्या जलाया गया है जिसका धूंआ पता नहीं कितने घंटे से निकल रहा है. इंदौर नगर निगम की माननीय माननीय आयुक्त आयुक्त महोदय हर्षिका जी को भेजी है. उन्होंने अपने जवाब में लिखा है कि वह आधी रात से इसका सामना कर रहे हैं. मैं देवगुराडिया से सिर्फ 2 किलोमीटर सनावादिया गांव में रहती हूं. हर थोड़े दिन में यहां कचरे के बदबू ,कचरे का धुआं ,आग की लपटें निकलती हैं. यह चिंता की बात है. मैं आहत हूं कि उसके अंदर काम करने वाले लोगों की क्या हालत होगी? सफाई करने वालों की क्या हालत है?  उस क्षेत्र में रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे? भगवान शिव के पास सारे शहर का कचरा लाकर उसको ऊपर से ढक्क कर रख दिया है.  इससे बहुत सारे लोगों की जान को खतरा है. बहुत सारे पशु-पक्षियों को खतरा है. धरती, पानी प्रदूषित हो हो चुके हैं, क्या हमारे सभी नेता महापौर साहब और जो जिम्मेदार लोग हैं, वो भी इतने चिंतित हैं जितना मैं दुखी हूं. 


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