Diwali 2022: दीपावली पर पटाखे जलाने (Burning of Firecrackers)  का मुद्दा फिर से गर्म हो रहा है. जबलपुर (Jabalpur) के एनजीओ ने दो साल पुराने आदेश को लागू करने की मांग की है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने  नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की याचिका पर साल 2020 में वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखे जलाने और बैन संबंधित निर्देश जारी किए थे. आदेश के मुताबिक किसी भी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहतर होने पर ग्रीन पटाखों को जलाने में दिक्कत नहीं है. लेकिन वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर पुअर कैटेगरी में होने पर पटाखे फोड़ना पूरी तरह बैन रहेगा.


एनजीटी के आदेश पर अमल करने की मांग


अगर शहरों में वायु प्रदूषण का मानक मॉडरेट है तो दो घंटों के लिए ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति होगी. अब पटाखा फोड़ने संबंधी आए एनजीटी के आदेश पर अमल करने की मांग जोर पकड़ रही है. गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने पटाखों का जलाना पूरी तरह बैन कर दिया है और एनजीटी के आदेश पर अमल की बात कही है. ऐसे ही आदेश को मध्य प्रदेश में भी लागू करने के लिए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने प्रदेश सरकार को स्मरण पत्र जारी किया है. 


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2020 में दिया हुआ क्या है आदेश? जानिए


एनजीटी का आदेश भले ही दो साल पहले आया हो लेकिन अमल कराने के लिए संबंधित विभाग आनाकानी करते रहे हैं. नागरिक उपभोक्ता मंच से जुड़े पीजी नाजपाण्डे ने एनजीटी के उसी निर्णय का स्मरण कराते हुए इस बार दीपावली पर वायु प्रदूषण के मानक अनुसार ही पटाखे जलाने और प्रतिबंध के निर्देश जारी करने की मांग की है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार के फैसले को कटघरे में रखा है. याचिका में भी नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच हस्तक्षेप याचिका दायर कर चुका है और दिल्ली समेत देशभर में एनजीटी का आदेश उसी स्वरूप में जारी करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से कर रहा है.


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