MP Congress Candidate List Denies Udaipur Declaration: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली उम्मीदवार सूची ने ही उदयपुर डिक्लेरेशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, उदयपुर डिक्लेरेशन में कांग्रेस के 17 पन्नों के घोषणापत्र में पार्टी ने वन 'पोस्ट-वन पर्सन' फॉर्मूला के साथ एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट दिए जाने की बात कही थी. हालांकि, एमपी की कैंडिडेट लिस्ट में एक फैमिली को दो टिकट देकर इसे खारिज किया गया है.


आपको बता दें, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के परिवार से इस बार कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राधवगढ़ से तो उनके भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा से टिकट दिया है. 


बीजेपी ने भी अपनाया यही फॉर्मूला
दरअसल, बीजेपी भी एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले को फॉलो कर रही है. ऐसे में जब मध्य प्रदेश बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट आई तो एक विकट स्थिति ने जन्म ले लिया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने इंदौर-1 सीट से टिकट दिया. इससे विजयवर्गीय के बेटे के लिए स्थिति चिंताजनक हो गई. आकाश इंदौर-3 से विधायक हैं औऱ माना जा रहा है कि पिता को टिकट मिलने के बाद उनका टिकट कट सकता है. 


वहीं, यह भी बता दें कि चार लिस्ट जारी होने के बाद भी बीजेपी ने अभी तक इंदौर-3 पर उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है. इंदौर की 9 में से तीन विधानसभा सीटों पर अभी पार्टी ने टिकट होल्ड किया हुआ है. इनमें इंदौर-3, इंदौर-5 और महू विधानसभा सीटें हैं. 


क्या कैलाश विजयवर्गीय को नाराज करेगी बीजेपी?
वन फैमिली वन टिकट का फॉर्मूला अगर बीजेपी यहां लगाती है तो आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. जबकि बीजेपी खुद यह मानती है कि आकाश ने इंदौर-3 सीट को करोड़ों की सौगात दी है और क्षेत्र के लिए काम किया है. ऐसे में उनका टिकट काटते हुए क्या बीजेपी कैलाश और आकाश को नाराज करना चाहेगी? 


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