कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के संगठन की तारीफ कर देशभर की सियासत में हलचल पैदा कर दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी में एक कार्यकर्ता जमीन से शीर्ष तक पहुंचता है. इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया. वहीं अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है.

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पत्रकारों से दिग्विजय सिंह ने कहा, "संगठन की तारीफ की है, आरएसएस की नहीं. मैं आरएसएस का, पीएम मोदी का और उनकी नीतियों का घोर विरोधी था हूं और रहूंगा."

दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैंने संगठन की तारीफ की है. मैं आरएसएस का और केंद्र सरकार की नीतियों का घोर विरोधी था, हूं और रहूंगा." अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, "क्या संगठन को मजबूत करना या उसकी तारीफ करना बुरी बात है? क्या चुनाव सुधार की बात करना गुनाह है?"

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कांग्रेस सांसद ने शनिवार को उस समय सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विवाद खड़ा किया, जब दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई गई थी. इससे पहले, दिग्विजय सिंह ने पार्टी में सुधारों की मांग करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी थी.

पोस्ट से मचा बवाल

शनिवार को दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर की. इस फोटो के साथ दिग्विजय सिंह भाजपा और आरएसएस की तारीफ करते दिखे.

'ये संगठन की शक्ति'

उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "क्वोरा साइट पर मुझे यह चित्र मिला. बहुत ही प्रभावशाली है. किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ, भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना. यह संघटन की शक्ति है."

कांग्रेस नेता की इस पोस्ट को प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के तौर पर भी देखा गया. बाद में जब दिग्विजय सिंह की बात पर विवाद हुआ तो उन्होंने सफाई दी. हालांकि, दिग्विजय सिंह की टिप्पणी को लेकर हरीश रावत, भंवर जितेंद्र सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मीडिया के सवालों से बचते हुए नजर आए. वहीं कुमारी सैलजा ने अपने बयान में कहा, "किसी ने किसी की तारीफ नहीं की है."