मध्य प्रदेश के धार जिले के नालछा विकासखंड के ग्राम चायड़ीपुरा से बरसात के बीच दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. शनिवार को लगातार हो रही बारिश से गांव का नाला अचानक उफान पर आ गया. इसी दौरान, स्कूल से लौट रहे कई बच्चे नाले के इस पार फंस गए और करीब डेढ़ घंटे तक वहीं खड़े रहने को मजबूर हो गए.

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हालात बिगड़ते देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे और जान जोखिम में डालते हुए मानव-चेन बनाकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. एक-एक कर बच्चों को पार कराया गया. इस दौरान बच्चों के चेहरे पर डर साफ झलक रहा था, वहीं ग्रामीण भी तेज बहाव से जूझते दिखाई दिए. गनीमत रही कि सभी बच्चे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए और कोई हादसा नहीं हुआ.

गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस तक पहुंचाने में बड़ी मशक्कत

लेकिन इस घटना ने फिर से प्रशासनिक लापरवाही और अधूरी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में यही स्थिति बनती है. पुलिया न होने के कारण गांव के लोगों को नाले को पार करने में जान का खतरा उठाना पड़ता है.

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गांव की महिलाओं ने बताया कि बारिश के दिनों में तो दिक्कत और बढ़ जाती है. मरीजों और गर्भवती महिलाओं तक को एंबुलेंस तक पहुंचाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. वहीं, बच्चे अब बारिश की संभावना देखते ही स्कूल जाने से डर रहे हैं.

बारिश के बाद कार्य शुरू होने की संभावना

आजादी के 75 साल बाद भी, नालछा ग्राम पंचायत से मात्र 2 किलोमीटर दूर बसे वार्ड क्रमांक-20 चायड़ीपुरा के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ग्राम पंचायत सचिव का कहना है कि इस मार्ग को मुख्यमंत्री की नई योजना ‘मजरे-टोले ग्राम सड़क’ के तहत सर्वे में शामिल कर लिया गया है. बारिश के बाद कार्य शुरू होने की संभावना है.

फिलहाल बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन जब तक नाले पर पुलिया नहीं बनती, तब तक हर बरसात में ग्रामीणों को इसी खतरे का सामना करना पड़ेगा.