Damoh Hijab Controversy: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में गंगा जमुना स्कूल में स्कार्फ विवाद की जांच तेज हो गई है. हिंदू छात्राओं की हिजाब वाले पोस्टर सामने आने के 3 दिन बाद राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की टीम शुक्रवार को जांच के लिये दमोह पहुंची. वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल का पंजीयन रद्द कर दिया है. 


दरअसल, मंगलवार को दमोह जिले के गंगा जमुना स्कूल ने 10वीं में अच्छे नंबरों से पास होने वाली 4 हिंदू छात्राओं की हिजाबनुमा स्कार्फ में फोटो अपने पोस्टर में लगाए थे. इसका हिंदू संगठनों ने विरोध किया था. प्रशासन ने अपनी प्राथमिक जांच में स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाल संरक्षण आयोग और हिंदू संगठनों के विरोध के बाद जागी सरकार ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए दोबारा जांच के निर्देश कलेक्टर को दिए थे. 


सीएम शिवराज ने ट्वीट कर दी कार्रवाई की जानकारी 
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार की रात ट्वीट कर लिखा, 'दमोह के एक विद्यालय में अनियमितताएं पाए जाने पर उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई. मेरे भांजे-भांजियों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मध्य प्रदेश सरकार ऐसे कृत्यों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.' 


https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1664673691236462592?t=0FMOgGgNBkHGMYqPg3A2xg&s=19


सभी हिन्दू छात्राओं के फॉर्म में लगी थी हिजाब वाली तस्वीर
इस बीच राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की टीम ने छात्राओं के पंजीयन फॉर्म की जांच की, तो हर फॉर्म पर छात्रा का फोटो हिजाबनुमा स्कार्फ वाला मिला. शिक्षकों के लॉकर में उर्दू साहित्य भी मिला है, जो सिलेबस में शामिल नहीं था. ऐसी 5 किताबों को आयोग ने जब्त किया. आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार ने बताया कि छात्राओं के बयानों के अनुसार गेट पर हिजाब पहनने पर ही एंट्री दी जाती थी. 


स्कूल संचालक ने मांगी माफी 
वहीं, स्कूल संचालक मोहम्मद इदरीश ने भी शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेस में इस मामले में माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अब छात्राओं के लिए हिजाबनुमा स्कार्फ अनिवार्य नहीं है. छात्राएं दुपट्टा भी पहनकर आ सकती हैं. इसके साथ ही अल्लामा इकबाल की 'लब पे आती है दुआ' नज्म का गायन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. स्कूल में प्रातः कालीन प्रार्थना में केवल राष्ट्रगान 'जन गण मन' होगा. 


स्कूल में मिलीं अनेक खामियां 
शिक्षा विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में वर्णित निर्धारित मापदण्ड का गंगा-जमुना विद्यालय में पालन नहीं किया जा रहा था. विद्यालय में पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र की पृथक-पृथक प्रयोगशाला कक्षों में पुराना फर्नीचर एवं पुरानी सामग्री रखी है. यहां भौतिक एवं रसायन शास्त्र की समुचित प्रायोगिक सामग्री भी नहीं मिली. विद्यालय में दर्ज 1208 बालक एवं बालिकाओं के हिसाब से अलग-अलग शौचालयों तथा शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं थी.


विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था हेतु पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध नहीं था. जांच के दौरान विद्यालय परिसर में खेल मैदान एवं खेल सामग्री की समुचित व्यवस्था नहीं मिली. विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिवहन हेतु वाहन रख-रखाव की व्यवस्था एवं गाईड लाइन का पालन नहीं होने का उल्लेख भी जांच रिपोर्ट में किया गया है.


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