मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक दलित ड्राइवर को ग्वालियर से अगवा करने के बाद कथित तौर पर मारपीट करने और अपमानित करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ड्राइवर ज्ञान सिंह जाटव ने आरोप लगाया है कि मौके से भागने से पहले उसे शराब और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया था. पुलिस ने कहा कि घटना सोमवार रात सुरपुरा गांव में हुई. ड्राइवर को मंगलवार सुबह भिंड जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अमुक ने पुलिस को बताया कि वह पहले 22 वर्षीय सोनू बरुआ के लिए ड्राइवर के तौर पर काम करता था. बीते दिनों उसने नौकरी छोड़ दी थी.
पीड़ित ज्ञान सिंह जाटव के मुताबिक ग्वालियर जिला स्थित दीन दयाल नगर इलाके में उनके घर से तीन लोग उन्हें उठाकर भिंड जिले ले गए. उन्होंने उनकी बोलेरो गाड़ी चलाने से मना कर दिया था. जाटव का आरोप है कि तीनों ने उन पर पिस्टल, पाइप और लोहे की रॉड से हमला किया.
इस संदर्भ में पुलिस अधिकारी संजीव पाठक ने बताया कि तीनों आरोपियों को सोमवार रात तक गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया. क्या उन्होंने पीड़ित को मूत्र पीने के लिए मजबूर किया, यह अभी सत्यापित किया जाना है.
क्या कहता है NCRB का डेटा?
बता दें जाटव का अभी भिंड जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. मंत्री राकेश शुक्ला, जिलाधिकारी किरोड़ी लाल मीणा और एडिशनल एसपी संजीव पाठक ने सोमवार को उनसे मुलाकात की. राकेश शुक्ला ने कहा, 'तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.' उन्होंने दावा किया कि पीड़ित को जबरदस्ती पेशाब पिलाया गया था.
ASP संजीव पाठक ने बताया कि सुरपुरा पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. NCRB 2023 के डेटा के अनुसार, अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है, पूरे भारत में 57,789 मामले दर्ज किए गए हैं - उनमें से 8,232 मध्य प्रदेश में हैं, जिससे यह राज्य देश के टॉप तीन राज्यों में शामिल है.