धार्मिक नगरी उज्जैन की पार्श्वनाथ सिटी में रहने वाले सौरभ राज सनी प्रतिदिन भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए जाते थे. दो दिन पहले भी वे भस्म आरती में शामिल होने के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. इस दौरान भस्म आरती शुरू होने से पहले उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई.

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सौरभ के सीने में अचानक तेजी से दर्द उठा. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में चिकित्सकों ने परीक्षण के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया. महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक, इस घटना की जानकारी महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को भी लगी है. मंदिर की ओर से ही उन्हें अस्पताल भिजवाया गया था.

कैफे संचालक थे सोनी

सौरभ राज सोनी उज्जैन के ही रहने वाले थे और वे विनायक कैफे नाम से रेस्टोरेंट चलाते थे. उनकी मृत्यु के बाद उनका एक मोबाइल स्टेटस सुर्खियों में आ गया, जिससे ऐसा प्रतीत होता कि शायद सौरभ को अपनी मृत्यु का आभास हो गया था. 

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क्या लिखा था स्टेटस में सौरभ राज ने?

सौरभ राज ने अपनी मृत्यु से पहले जो अंतिम व्हॉट्सएप स्टेटस डाला था उसमें उन्होंने लिखा था, " मिट्टी का शरीर है, सांसें सारी उधार हैं... दिल तो महाकाल का है, हम तो किरदार हैं." सौरभ का यह स्टेटस उनकी महाकाल भक्ति को भी दर्शाता है. अपनी सांसों को उधार बताने वाले सौरभ अब इस दुनिया में नहीं रहे. जिसने भी उनका यह स्टेटस देखा और मौत की खबर सुनी, वह सन्न रह गया.

लोगों का मानना है कि महाकाल के भक्त को महाकाल ने अपने सामने ही अपने पास बुला लिया. कई लोगों का यह भी कहना है कि सौरभ को इससे अच्छी मृत्यु कहां मिल पाती? वे महाकाल के बहुत बड़े भक्त थे और महाकाल के दर्शन करते हुए अपने प्राण त्यागे दिए. यह घटना महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहितों के बीच भी चर्चाओं में है.