मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पेंशन के नाम पर धोखाधड़ी से आहत एक दलित बुजुर्ग किसान ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के मेन गेट पर आत्महत्या का प्रयास किया. 

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किसान का आरोप है कि उसकी वृद्धावस्था पेंशन चालू कराने के बहाने उसकी दो एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली गई. घटना टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट में हुई, जहां समय रहते पुलिस जवानों ने किसान को बचा लिया. वहीं दलित किसान के द्वारा की गई ये हरकत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.

क्या है पूरा मामला?

टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक दलित बुजुर्ग किसान ने चैनल गेट पर पतली सूती तौलिया बांधकर फांसी लगाने का प्रयास किया. किसान प्रशासन से लगातार शिकायतों के बाद भी सुनवाई न होने से नाराज था. गेट पर तैनात पुलिस जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किसान को नीचे उतारा और तौलिया हटाकर उसकी जान बचाई. मौके पर मौजूद लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और किसान को न्याय दिलाने की मांग की.

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धोखाधड़ी का पूरा मामला

जिले के कुर्राई गांव निवासी छत्ता अहिरवार को कुछ दिन पहले मऊरानीपुर निवासी कृपेंद्र सिंह और उसके साथियों ने बहला-फुसलाकर घर से ले जाया. आरोप है कि उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन चालू कराने का झांसा देकर बुजुर्ग को जतारा रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचाया. वहां बिना पढ़े-लिखे किसान से धोखे से दो एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पर अंगूठा निशानी लगवा ली गई. आरोपियों ने किसान को यह कहकर गुमराह किया कि ये दस्तावेज पेंशन से जुड़े कागज हैं और प्रक्रिया पूरी की जा रही है.

शिकायत और प्रशासन की प्रतिक्रिया

जब छत्ता अहिरवार को जमीन अपने नाम से निकल जाने की सच्चाई पता चली, तो उसने टीकमगढ़ जिला प्रशासन से लेकर भोपाल तक शिकायतें कीं. किसान का कहना है कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. इसी हताशा और नाराजगी में उसने कलेक्ट्रेट गेट पर जान देने का प्रयास किया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेने और जांच के आदेश देने की बात कही है. पुलिस ने किसान को सुरक्षित रखते हुए पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है.