MP Assembly Elections: भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस (Congress) को हिलाने में बीजेपी (BJP) ने ऐड़ी चोंटी का जोर लगा लिया है, लेकिन बीजेपी अब तक सफल नहीं हो सकी है. साल 1998 से लगातार आरिफ अकील (Arif Aqueel) यहां से विधायक चुनते आ रहे हैं. बीजेपी उन्हें हराने के लिए कभी हिंदू तो कभी मुस्लिम प्रत्याशी उतार चुकी है लेकिन इसके बावजूद बीजेपी, कांग्रेस के इस किले को नहीं ढहा सकी है.

 

ऐसा नहीं है कि भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रही हो यहां से दो बार बीजेपी के नेता भी विधायक बन चुके हैं. साल 1977 में पहली बार उत्तर विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ और चुनाव हुए. पहली बार साल 1977 में यहां से हामिद कुरैशी जनता पार्टी की ओर से विधायक चुने गए थे.जबकि साल 1993 में रमेश शर्मा बीजेपी से विधायक बने.वहीं. 1998 से लगातार आरिफ अकील विधायक चुनते आ रहे हैं. 

 

निर्दलीय चुने गए थे पहली बार अकील

बता दें भोपाल उत्तर विधानसभा में पहली बार साल 1977 में चुने हुए थे, जब हामिद कुरैशी जनता पार्टी से विधायक चुने गए थे. इसके बाद साल 1980 में रसूल अहमद सिद्दीकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) से विधायक बने. 1990 में आरिफ अकील पहली बार उत्तर विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए. साल 1993 में बीजेपी के रमेश शर्मा ने अकील को हरा दिया था. लेकिन इसके बाद से तो मानो उत्तर विधानसभा अकील का गढ़ ही बन गई हो. साल 1998 से लेकर 2018 तक के चुनाव में इस सीट पर अकील का दबदबा रहा. साल 2018 में कांग्रेस नेता आरिफ अकील को 90 हजार 403 मत प्राप्त हुए थे, जबकि बीजेपी की फातिमा रसूल सिद्दीकी 55 हजार 546 वोट मिले थे. इन दोनों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी शुभम आर्य को चार हजार 491 मत ही मिल पाया था.  वहीं, अब चर्चा है कि कांग्रेस अकील के बेटे आतिफ अकील को इस बार मैदान में उतार सकती है जबकि बीजेपी की तरफ से पूर्व मेयर आलोक शर्मा, पूर्व पार्षद पंकज चौकसे, महेश मकवाना, मनोज राठौर और चेतन भार्गव चुनावी मैदान उतर सकते हैं.

 

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