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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'विकसित भारत-जी राम जी विधेयक 2025' का विरोध करने पर कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया है. शनिवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने तीखा सवाल किया कि आखिर कांग्रेस को भगवान राम के नाम से इतनी आपत्ति क्यों है?

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कांग्रेस की पिछली कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं आज तक नहीं समझ पाया हूं कि कांग्रेस को रामजी के नाम से चिढ़ क्यों है? उन्हें आखिर किस बात का गुस्सा रहता है? पहले उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण में अड़ंगे लगाए, फिर भूमिपूजन कार्यक्रम की भी अनदेखी की." उन्होंने आगे जोड़ा कि आज भव्य मंदिर बनकर तैयार है, लेकिन राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने अब तक वहां दर्शन नहीं किए हैं.

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मनरेगा का स्थान लेगा नया विधेयक

संसद से हाल ही में पारित 'विकसित भारत-जी राम जी विधेयक 2025' कांग्रेस सरकार के समय से चल रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा. मुख्यमंत्री ने इस बदलाव का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष का काम केवल विरोध करना रह गया है.

'चुनावी लाभ के लिए जोड़ा गया था गांधी जी का नाम'

योजना के नामकरण के इतिहास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह योजना मूल रूप से 'नरेगा' (NREGA) के नाम से शुरू हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल चुनावी परिप्रेक्ष्य और राजनीतिक लाभ के लिए बाद में इस योजना के साथ महात्मा गांधी का नाम जोड़ा था.

'विकास की नई दिशा'

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य अब विकास को एक नई और सांस्कृतिक पहचान देना है. उन्होंने कहा कि 'जी राम जी' विधेयक ग्रामीण विकास और रोजगार की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगा, लेकिन विपक्ष तथ्यों के बजाय केवल नाम के आधार पर राजनीति कर रहा है.