Chandra Grahan 2022: 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के बाद आज साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लग रहा है. मान्यता है कि ग्रहण पड़ने पर भगवान पर संकट रहता है. महज एक पखवाड़े के अंदर ही भगवान पर दूसरी बार ये संकट चंदग्रहण के रूप में आया है. 8 नवंबर को सुबह 8.28 बजे से चंद्रग्रहण की सूतक शुरू हो गई है. राजधानी भोपाल में चंद्र ग्रहण का असर 51 मिनट तक रहेगा.
स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश शर्मा के अनुसार चंद्र ग्रहण मंगलवार को शाम 5.28 बजे से 7.26 बजे तक रहेगा. ये चन्द्र ग्रहण पूर्वोत्तर के राज्यों में ही दिखाई देगा. देश के शेष भागों में आंशिक चन्द्रग्रहण ही दिखाई देगा. चन्द्रग्रहण का सूतक सुबह 8.28 से प्रारंभ हो गया है. ज्योतिषाचार्य डॉ. शर्मा के अनुसार इस ग्रहण का राशि अनुसार फल इस प्रकार होगा. मेष-आघात, वृष-व्यय, मिथुन-लाभ, कर्क-सम्मान, सिंह-प्रतिष्ठा, कन्या-हानि, तुला-कष्ट, वृश्चिक-तनाव, धनु-धन लाभ, मकर-सुख, कुंभ-अपव्यय, मीन-अपयश प्राप्त होगा.
भगवान की भक्ति में मन लगाएं
पंडित गणेश शर्मा के अनुसार सूतक काल के दौरान जितना सम्भव हो कम बोलें और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाएं. भगवान का ध्यान करें, उनकी पूजा करें. सूतक काल के दौरान ग्रहण से संबंधित ग्रह की शांति के लिए पूजा करें, पाठ करें और मंत्रों का जप करें. सूतक काल के समय जितना सम्भव हो योग और ध्यान करें. ऐसा करने से आपकी मानसिक शक्ति का विकास होगा और आप खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के दुष्प्रभाव से भी बचा सकेंगे.
भोजन में डालें तुलसी के पत्ते
पंडित शर्मा के अनुसार सूतक काल में भोजन नहीं बनाएं और अगर खाना बना लिया है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र मंत्रों का जप करें और सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य मंत्रों का स-परिवार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें. जब सूतक काल समाप्त हो जाए तो घर को साफ करें, दोबारा पूजा पाठ करें और स्नान करें. ग्रहण समाप्त होने पर घर पर और पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और घर को शुद्ध करें.
गर्भवती महिला घरों से न निकलें
पंडित शर्मा के अनुसार सूतक काल में किसी भी गर्भवती महिला को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए ताकि ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर न पड़े. शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए. सूतक काल चल रहा हो तो सोने से बचें. धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में किसी भी पवित्र मूर्ति को छूना अत्यंत अशुभ माना जाता है. इस दौरान काम या क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों को अपने मन में घर न आने दें. साथ ही इस समय अवधि के दौरान मल-मूत्र और शौच जैसे कार्य करना भी वर्जित है. साथ ही इस दौरान चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना भी मना है.