MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में 'छिंदवाड़ा विजय' की राजनीतिक लड़ाई इस बार काफी रोचक और चौंकाने वाली हो सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ के अभेद्य गढ़ छिंदवाड़ा को फतह करने के लिए बीजेपी बड़ी रणनीति पर काम कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने भी इसे काउंटर करने कई प्लान बना रखे हैं.

पहले समझते है कि बीजेपी के लिए 'छिंदवाड़ा विजय' क्यों जरूरी है. पिछले 12 लोकसभा चुनाव में से 11 बार कमलनाथ या उनके परिवार का कोई सदस्य छिंदवाड़ा से सांसद चुना गया है. 9 बार तो अकेले कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से विजयी हुए है. कमलनाथ यहां से सिर्फ एक बार लोकसभा का चुनाव बीजेपी के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा से हारे थे. एक बार उनकी पत्नी अलका नाथ छिंदवाड़ा से सांसद थी, जबकि वर्तमान में पूरे मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास जो एकमात्र लोकसभा सीट है,वह छिंदवाड़ा से नकुल नाथ के खाते में है.

कांग्रेस के कब्जे में छिंदवाड़ा की 7 सीटेंनकुल नाथ पीसीसी चीफ कमलनाथ के पुत्र है. छिंदवाड़ा की सभी 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जो यह बताता है कि कमलनाथ की इस जिले में क्या हैसियत है? हाल ही में नगरीय निकाय चुनाव में भी छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने बाजी मार ली. छिंदवाड़ा महापौर के साथ 7 निकाय पर कांग्रेस काबिज हो गई है.

छिंदवाड़ा मॉडल पर लड़ा था चुनावकमलनाथ ने पिछला विधानसभा चुनाव छिंदवाड़ा मॉडल पर लड़ा था और उन्होंने 15 साल बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी. बस इसी वजह से बीजेपी की इस बार कमलनाथ और छिंदवाड़ा से दो-दो हाथ करने की तैयारी है. बीजेपी अब यह मिथक तोड़ना चाहती है कि 'छिंदवाड़ा विजय' उसके लिए किसी सपने से कम नहीं है?

गिरिराज सिंह को सौंपी जिम्मेदारीबता दें कि छिंदवाड़ा को जिताने का जिम्मा बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दिया है. पिछले कुछ समय से गिरिराज सिंह लगातार छिंदवाड़ा का दौरा करते हुए कमलनाथ पर निशाना साध रहे हैं. अब 25 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा में रैली करने पहुंच रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी उनके साथ आएंगे. हिंदूवादी नेता की छवि वाले गिरिराज सिंह के लिए यह चुनाव हिमालय फतह से कम नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 'छिंदवाड़ा विजय' के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा रहे हैं.

चौंकाने वाले हो सकते हैं फैसलेवही, बात करें कमलनाथ की तैयारियों की तो उनके फैसले भी चौंकाने वाले हो सकते हैं. कमलनाथ के करीबी सूत्र कह रहे हैं कि पीसीसी चीफ कमलनाथ शायद अगला विधानसभा का चुनाव न लड़ें. उन्होंने इसके लिए 'नो कैंडिडेट' प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत छिंदवाड़ा सीट से नकुल नाथ को विधानसभा की टिकट देने की चर्चा चल रही है. 

नकुल नाथ लड़ सकते हैं चुनावकहा जा रहा है कि अगर मध्य प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनती है तो नकुल नाथ से इस्तीफा दिलवा कर कमलनाथ उपचुनाव में छिंदवाड़ा विधानसभा से प्रत्याशी बन जाएंगे. अगर किसी वजह से नवम्बर 2023 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं आती है तो कमलनाथ 2024 में छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ कर दिल्ली की राजनीति में वापस लौट जाएंगे. कमलनाथ के विधानसभा चुनाव ना लड़ने के पीछे तर्क दिया जाएगा कि वह पूरे मध्य प्रदेश पर अपना फोकस करने के लिए फिलहाल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. तभी कमलनाथ कह रहे हैं कि उन्हें अकेले छिंदवाड़ा में नहीं घेरा जा सकता है. बीजेपी को उन्हें घेरने के लिए पूरे मध्य प्रदेश में जोर लगाना पड़ेगा.

दिलचस्प हो सकता मुकाबलामध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं कि इस बार छिंदवाड़ा की लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है.बीजेपी 'छिंदवाड़ा विजय' के लिए साम-दाम-दंड-भेद हर तरह के तरीके अपना सकती है लेकिन यहां कमलनाथ की छवि फिलहाल बीजेपी पर भारी पड़ती दिख रही है.

ये भी पढ़ें

MP News: एमपी के 190 पुलिसकर्मियों पर दर्ज है रेप केस, जीतू पटवारी के सवाल पर नरोत्तम मिश्रा ने दी जानकारी