MP Politics: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 'गौरव दिवस' के रूप में मनाया जाता है. भोपाल 15 अगस्त 1947 की जगह 1 जून 1949 को आजाद हुआ था. इसलिए हर साल 1 जून को भोपाल का गौरव दिवस (Bhopal Gaurav Diwas 2023) मनाया जाता है. इस अवसर पर गुरुवार को राजधानी में भव्य आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivrj Singh Chouhan) ने घोषणा की कि अगले साल से 1 जून को भोपाल में शासकीय अवकाश रहेगा. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या घोषणा की है


सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले साल से भोपाल में 1 जून को भोपाल विलीनीकरण और भोपाल गौरव दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश रहेगा. उन्होंने कहा कि भोपाल के इतिहास से सब अवगत हो सकें इसलिए एक शोध संस्थान जैसी रचना बना कर राजा भोज, रानी कमलापति जी से लेकर अब तक का भोपाल का पूरा इतिहास उसमें समाहित हो सके, इसके प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारा देश तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन तब भोपाल आजाद नहीं हुआ था. यहां के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से इनकार कर दिया था. तब विलीनीकरण आंदोलन चला और अनेक क्रांतिकारी शहीद हो गए. 






उन्होंने कहा कि भोपाल केवल नवाबों का शहर नहीं है, ये भोपाल था राजा भोजपाल का बसाया हुआ बसाया हुआ भोजपाल. उन्होंने कहा कि दोस्त मोहम्मद खान नाम के एक अफगानी ने रानी कमलापति से धोखे से भोपाल को छीना था.उन्होंने कहा कि रानी के बेटे भी बहादुरी से लड़े. लेकिन जब लगा कि रानी की फौज हार रही है तो रानी कमलापति ने छोटे तालाब में जलसमाधी ले ली थी. उन्होंने ऐसा अपने स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए किया था. 


इस्लामपुर का नाम बदला 


उन्होंने कहा कि यहां का जगदीशपुर इस्लामनगर बन गया था, पिछले दिनों इस्लामपुर का नाम भी बदलकर जगदीशपुर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन गौरव, हमारी परंपराओं और हमारे जीवन मूल्यों को लौटाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि भोपाल का इतिहास बहुत गौरवशाली है.


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