MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीव संरक्षण और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश में दो नए वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जहानगढ़ और ओंकारेश्वर में वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना को मंजूरी दे दी है. गुरुवार को मध्य प्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 28वीं बैठक में फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रभावी प्रयासों का सुखद परिणाम है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, घड़ियाल और गिद्धों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 17 से 19 फरवरी को हुई गिद्ध जनगणना में 12 हजार 981 गिद्धों की संख्या दर्ज की गई है. गिद्धों की संख्या बीते वर्ष में 19 प्रतिशत बढ़ी है. उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर वन्य जीव अभयारण्य देवास-खंडवा जिले के करीब 614.0709 वर्ग किमी वन रकबे में और जहानगढ़ वन्य जीव अभयारण्य श्योपुर जिले के 6.328 वर्ग किमी वन रकबे में विकसित किया जाएगा.

दो नए वन्य जीव अभयारण्य की सौगात

बैठक में मुख्यमंत्री यादव को बताया कि उज्जैन के नौलखी में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर सह चिड़ियाघर प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू सेंटर की स्थापना के कार्य में तेजी लाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू सेंटर सह चिड़ियाघर वन्य जीव पर्यटन के लिहाज से तैयार किया जाए. बैठक में बताया गया कि उज्जैन की तरह एक अन्य वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर सह चिड़ियाघर का निर्माण जबलपुर जिले में भी प्रस्तावित है.

पर्यटकों को आकर्षित करने का निर्देश

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश वन्य जीवों की विविधता से भरा राज्य है. मंदसौर, नीमच, शिवपुरी समेत चंबल के जिलों में मगरमच्छ की बड़ी तादाद है. उन्होंने वन विभाग को वन्य जीव संरक्षण का निर्देश देते हुए कहा कि मगरमच्छ को खाली पड़ी नदियों में पुनर्स्थापित किया जाए. मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन्य जीव संरक्षण को पर्यटन से जोड़ने की परियोजना तैयार करने पर जोर दिया. 

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