MP Dhar Bhojshala News: मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 22 मार्च से शुरू हुए धार भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम जारी है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम शुक्रवार (29 मार्च) को भी सुबह भोजशाला परिसर में पहुंची.


शुक्रवार होने के कारण इलाके के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोपहर में परिसर में नमाज अदा की. यहां पिछले शुक्रवार को सर्वे शुरू हुआ था और उस दिन भी परिसर में नमाज पढ़ी गई थी. उस दिन एएसआई की टीम ने सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक परिसर में सर्वे किया था.


हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि पिछले हफ्ते की शुरुआत में टीम ने कार्बन डेटिंग, जीपीएस तकनीक और जीपीआर तकनीक का इस्तेमाल करके पूरे दिन सर्वे किया था. अदालत के निर्देशानुसार पूरे 50 मीटर के हिस्से में अंदर और बाहर सर्वेक्षण किया गया.
 
भोजशाला परिसर में 8वें दिन भी हुआ सर्वे


धार भोजशाला परिसर में शुक्रवार (29 मार्च) के चलते सर्वे सुबह 6:00 से 12:00 बजे तक ही किया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 29 मार्च को भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में में तीन जगह पर खुदाई की गई.


भोजशाला यज्ञ समिति के संरक्षक गोपाल शर्मा ने बताया कि एएसआई के दो नए अधिकारी सर्वे टीम में शामिल होने के बाद कार्य में गति आई है. सर्वे के दौरान क्या कुछ निकल रहा है, इस बारे में गोपाल शर्मा ने कहा कि वह तो एक ASI की टीम ही बताइएगी.


शुक्रवार के दिन मुस्लिम समाज को नमाज पढ़ने की अनुमति 1 से 3 बजे तक मिली. भोजशाला परिसर में नमाज को देखते हुए सुरक्षा कड़ी की गई शनिवार को शहर में रंगपंचमी का त्यौहार है. रंगपंचमी को लेकर भी पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.


हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता गोयल ने क्या कहा?


उधर, भोजशाला परिसर पर हिंदू पक्ष के दावे पर जोर देते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता आशीष गोयल गोयल ने कहा, "यह भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है. सर्वेक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि जो लोग इसे नहीं समझते हैं, उन्हें इस सर्वेक्षण के बाद यकीन हो जाए. एएसआई सर्वेक्षण से उम्मीद जताते हुए गोयल ने कहा कि एएसआई वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कर रहा है. 


मुस्लिम पक्ष का क्या है दावा?


इस बीच, मुस्लिम पक्ष के याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने कहा कि वे हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया से सहमति नहीं रखते हैं, क्योंकि 1902 में जो सर्वे हुआ था उसमें यहां मस्जिद बताई गई है. समद ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जहां एक अप्रैल को सुनवाई होनी है.


आपको बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला परिसर में एएसआई की ओर से सर्वेक्षण की अनुमति दी और छह सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी. मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है.


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