मध्य प्रदेश के अलीराजपुर (Alirajpur) जिले का नाम अब आधिकारिक तौर पर आलीराजपुर (Aalirajpur) कर दिया गया है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनापत्ति पत्र मिलने के बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग की अधिसूचना जारी कर दी है. 

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यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है, यानी अब सभी सरकारी दस्तावेज और रिकॉर्ड इसी नाम से दर्ज होंगे. जिले के नाम परिवर्तन की प्रक्रिया कोई अचानक फैसला नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत साल 2012 में हुई थी. 

क्यों बदला गया जिले का नाम?

2012 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक हुई थी, जिसमें यूनिवर्सल सृजन जनसेवा संस्था ने अलीराजपुर का नाम बदलकर आलीराजपुर करने का ज्ञापन सौंपा था.

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संस्था ने तर्क दिया था कि “आलीराजपुर” नाम जिले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को अधिक सटीक रूप से दर्शाता है. बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर शासन को भेजा गया था।

केंद्र से मिली मंजूरी

राज्य सरकार ने समय-समय पर प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए इसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजा. लंबे समय से लंबित इस मामले पर 21 अगस्त 2025 को गृह मंत्रालय ने सहमति देते हुए अनापत्ति पत्र जारी कर दिया.

मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर जिले के नाम परिवर्तन का औपचारिक आदेश लागू कर दिया. इससे स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है.

अब सभी दस्तावेजों में नया नाम

अधिसूचना लागू होने के साथ ही अब सरकारी रिकॉर्ड, राजपत्र, मानचित्र और अन्य आधिकारिक अभिलेखों में जिले का नाम आलीराजपुर ही लिखा और बोला जाएगा.

इस परिवर्तन के बाद जिले की पहचान नए नाम से होगी, जिससे क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को नया सम्मान मिलेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि नाम बदलाव से जिले की पहचान मजबूत होगी और प्रशासनिक कार्यवाही में भी स्पष्टता आएगी.