Assembly Election:प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपना भाग्य आजमाने के लिए कमर कस ली है. पार्टी पूरे प्रदेश की 230 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. ऐसे में अब यह देश की दोनों ही बड़ी पार्टियों कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) को चुनौती देती दिख रही है.


दो पार्टियों का ही रहा है प्रतिनिधित्व
दरअसल, मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटो पर आप पार्टी अपने उम्मदीवार उतारने का ऐलान कर चुकी है. इससे अब आप बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही सीधी चुनौती देती दिख रही है. कांग्रेस ने 10 साल तक शासन कर चुकी बीजेपी को हराकर सरकार बनाई थी. लेकिन, 15 महीनों की कांग्रेस सरकार में से ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 25 विधायकों के दलबदल कर बीजेपी में जाने से कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. इस कारण बीजेपी एक बार फिर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में सफल हो पाई थी. मध्य प्रदेश में अब तक दो ही पार्टियां राज करती आई हैं, लेकिन अब बीजेपी को एक नहीं दो पार्टियों से चुनौती दिखाई दे रही है.


तीसरी विचारधारा के लिए प्रदेश में जगह नहीं
इधर, कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव से जब इस विषय पर बात की गई तो उनका कहना है की मध्य प्रदेश में आप का इंफ्रास्ट्रक्चर अभी कहीं नहीं है. प्रदेश में दो ही विचारधाराएं हैं कांग्रेस और बीजेपी. तीसरी विचारधारा की प्रदेश में कोई जगह नहीं है. शुरू से आज तक देखें तो तीसरी पार्टी का उदय अब तक मध्य प्रदेश में नहीं हो पाया है. कुछ निर्दलीय या समाजवादी पार्टी या अन्य जीत जाते हैं. लेकिन, तीसरी विचारधारा को स्वीकार करने का स्वभाव प्रदेश का नहीं है. आप उतरे जरूर सभी 230 सीटों पर, लेकिन प्रभावित केवल बीजेपी को ही कर पाएगी. उनका कहना है कि एंटी इंकमबेंसी बीजेपी को सीधा नुकसान करेगी. जनता ने पिछली बार भी कांग्रेस को ही चुना था. किस प्रकार कांग्रेस से सत्ता छीनी गई, यह आम जनता जानती है. यह सिम्पैथी भी कांग्रेस को मिलेगी.


हमारा किसी से मुकाबला नहीं: आप
आप के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता हेमंत जोशी का कहना है कि आप नफा नुकसान की बात नहीं करती. हम स्कूल, स्वास्थ्य और रोजगार की बात करते हैं. हमारा किसी से मुकाबला नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक राजनीति करते हैं. दूसरी पार्टियां जोड़तोड़ की राजनीति करती हैं. जनता के मुद्दो पर बात करते हैं. हमें तो जनता ही जिताएगी. आप के आने से दोनों ही पार्टियों को नुकसान होगा, क्योंकि पंजाब में कांग्रेस को हराया है. दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी को पटकनी दी है. उन्होंने कहा कि हमारा मुकाबला दोनों पार्टियों की गलत नीतियों से है. उन्होंने कहा कि पिछले निगम चुनाव में आप के करीब 54 के करीब पार्षद आए थे. 22 जनपद सदस्य और 100 से ज्यादा पंच जीतकर आए थे. प्रदेश के सिंगरौली में आप की महापौर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने जीत हासिल की थी.  


सरकार और संगठन पर हावी हैं अधिकारी
इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक कीर्ति राणा का कहना है कि बीजेपी द्वारा विकास यात्रा निकाली जा रही है. पिछले समय में देखा गया कि बीजेपी के महापौर और अन्य नेताओं ने अधिकारियों पर घुस्सा निकाला. नताओं का कहना था कि हमारी बात नहीं सुनी जाती है. वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि प्रदेश की राजनीति इंदौर से ही चलती है. कहा जाता है कि जो इंदौर में स्थिति है, उसे प्रदेश की स्थिति मानी जाती है. नेताओं के गुस्सा निकालने से यह साफ हो जाता है कि प्रदेश में सरकार और संगठन पर अधिकारी हावी हैं. इससे नेताओं में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान तो अधिकारियों को गले लगाते हैं. पार्टी नेताओं और पार्षदों को तवज्जों ही नहीं दी जा रही. बीजेपी को आम लोग इवेंट वाली पार्टी मानने लगे हैं. 


इवेंट के रूप में दिखी विकास यात्रा
कीर्ति राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास यात्रा को भी इवेंट के रूप में निकाला जा रहा है. 18 साल से प्रदेश में राज करने के बाद भी बीजेपी को विकास यात्रा निकाल अपनी उपलब्धि बतानी पड़ रही है. कहीं न कहीं बीजेपी के खिलाफ माहौल है. बीजेपी द्वारा प्रदेश में कभी टांटिया मामा और कभी रविदास जी के रूप में भुनाकर जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की जा रही है. आप की बात करें तो दिल्ली में एमसीडी चुनाव में आप हावी हुई. पूरा मंत्रीमंडल लगने के बाद भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी को आप से खतरा तो है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस की बात करें तो वहां सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है. कमलनाथ मुखमंत्री बने तो अध्यक्ष पद नहीं छोड़ा. कार्यकारणी नहीं बना पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस एकजुट नहीं है. इधर, बीजेपी में असंतोष की स्थिति बनी हुई है. इसका सीधा लाभ आप पार्टी को मिलेगा. आप तीसरे मोर्चे के रूप में प्रदेश में उभरेगी. यह उसके लिए सुनहरा अवसर है. 


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