झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले (चाईबासा) में गुरुवार (24 सितंबर) को नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मिसिर बेसरा उर्फ सागर और पतिराम मांझी उर्फ अनल के दस्ते से जुड़े थे. दोनों नक्सलियों पर एक-एक करोड़ रुपए का इनाम रखा गया था.
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में रांदो बोर्डपाई, गार्दी कोड़ा, जोहन पूर्ति, निरसो सीदु, घोनोर देवगम, गौमेया कोड़ा, केरा कोड़ा, कैरी कायम, सावित्री गोप और प्रदीप सिंह शामिल हैं.
चाईबासा पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में सभी नक्सलियों ने हथियार पुलिस के हवाले कर दिए और मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सरकार की पुनर्वास नीति और लगातार पुलिस की कार्रवाई का नतीजा है.
डीजीपी ने सरेंडर करने वालों का किया स्वागत
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड की आत्मसमर्पण नीति देश की सबसे प्रभावी नीतियों में से एक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें नई जिंदगी का मौका मिलेगा. लेकिन जो हथियार उठाए रखेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी ने यह भी बताया कि पुलिस के पास नक्सलियों की गतिविधियों का पूरा डेटा मौजूद है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
कई अधिकारियों की रही मौजूदगी
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में सीआरपीएफ के आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माइकल एस. राज, आईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे, डीआईजी कोल्हान अनुरंजन किसफोट्टा और चाईबासा एसपी अमित रेणु सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
कुछ दिन पहले 9 उग्रवादियों ने किया था आत्मसमर्पण
इससे पहले, 1 सितंबर को लातेहार जिले में झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नौ उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया था. उनमें 4 ऐसे उग्रवादी शामिल थे, जिन पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था, जबकि एक पर 3 लाख रुपए का इनाम था. 4 अन्य नक्सली कई वारदातों में वांटेड थे. उन उग्रवादियों ने पुलिस को पांच एके-47 राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस सौंपे थे.
झारखंड को नक्सलमुक्त करने की योजना
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2026 तक झारखंड को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने के लिए अभियान तेज किया गया है. इस साल अब तक 31 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं.