झारखंड पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. गुमला में झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के तीन उग्रवादी मुठभेड़ में मारे गए हैं. मारे गए नक्सलियों में 5 लाख का इनामी छोटू भी शामिल है. घटनास्थल से तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं. गुमला के बिशनपुर थाना क्षेत्र में यह मुठभेड़ हुआ.

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कौन थे तीनों नक्सली?


न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में लोहरदगा निवासी लालू लोहरा जेजेएमपी का सब-जोनल कमांडर था. दूसरा नक्सली छोटू उरांव लातेहार का रहने वाला था और वह भी नक्सली संगठन में सब-जोनल कमांडर था. इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम थे. वहीं, तीसरा नक्सली सुजीत उरांव, लोहरदगा का रहने वाला था और संगठन में कैडर के रूप में सक्रिय थ.


इस साल झारखंड में अब तक कुल 32 नक्सली मारे गए हैं. फिलहाल राज्य में 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं. पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में भाकपा माओवादी के 13 बड़े नक्सली शामिल हैं. इनमें मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल पर एक-एक करोड़ का इनाम है.


पुलिस ने क्या कहा?


झारखंड के आईजी ऑपरेशन माइकलराज एस ने कहा कि हमें गुमला जिले में जेजेएमपी (झारखंड जन मुक्ति परिषद) उग्रवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी मिली थी. उस जानकारी के आधार पर, हमने कल शाम झारखंड जगुआर - हमारी एसटीएफ और गुमला पुलिस को शामिल करके ऑपरेशन शुरू किया. आज सुबह करीब 8 बजे, दोनों तरफ से गोलीबारी हुई. उसके बाद 3 जेजेएमपी उग्रवादी (Extremists) मारे गए. इनमें 2 सब-जोनल कमांडर और 1 एरिया कमांडर शामिल थे.


उन्होंने कहा, ''हमने मौके से एक एके-47, एक एसएलआर और एक इंसास बरामद किया है. ऑपरेशन जारी है. यह पिछले 2-3 महीनों से जेजेएमपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ चलाया जा रहा एक स्पेशल ऑपरेशन है. इस कामयाबी के बाद पूरे जेजेएमपी संगठन का सफाया हो गया है. अब कोई नहीं बचा है, शायद 1-2 ही बचे हैं. हम उनके खिलाफ भी एक ऑपरेशन चलाएंगे. हम उनसे अपील करते हैं कि पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दें, इससे पहले कि मारे जाओ. हम दावा कर सकते हैं कि झारखंड से जेजेएमपी का पूरी तरह सफाया हो गया है.''