Jharkhand Devotees in Deoghar Shravani Mela 2022: झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में बृहस्पतिवार को विश्व प्रसिद्ध श्रावणी (Shravani Mela) मेले की शुरूआत के साथ ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. पहले ही दिन एक बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां स्थित मनोकामना ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर चुके हैं. एक महीने तक चलने वाले इस मेले में जलाभिषेक और दर्शन का सिलसिला हर रोज सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक जारी रहेगा. बिहार (Bihar) के सुल्तानगंज स्थित उत्तर वाहिनी गंगा से लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में ये एशिया का सबसे लंबा मेला माना जाता है.


पीएम मोदी ने की थी पूजा-अर्चना
इस राजकीय मेले का औपचारिक उदघाटन बुधवार शाम को ही हो गया था, लेकिन धार्मिक लिहाज से बृहस्पतिवार तड़के 3 बजकर 5 मिनट पर बाबाधाम मंदिर का पट खुलने के साथ इसकी शुरुआत हुई. मेला शुरू होने के ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की थी.


कांवड़ियों का काफिला 
बृहस्पतिवार को सुबह 4 बजे से भक्तों को अरघा के जरिए जलाभिषेक की अनुमति दी गई. बिहार के सुल्तानगंज से लेकर देवघर और दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर तक का इलाका बोल-बम के नारों से गुंजायमान है. 108 किलोमीटर लंबे मार्ग में कांवड़ियों का अबाध काफिला दिख रहा है. रास्ते में बिहार और झारखंड सरकार के साथ-साथ सैकड़ों संस्थाओं की ओर से सेवा एवं विश्राम शिविर बनाए गए हैं.




किए गए हैं व्यापक इंतजाम 
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गई है. मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की भी अनुमति नहीं दी गई है. दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गई है. मेला क्षेत्र में होल्डिंग प्वाइंट, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, साफ-सफाई की भी व्यवस्था पर निगरानी की जा रही है. मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है.


12 ज्योतिलिंर्गों में से है एक 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बाबाधाम भगवान शंकर के 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक है. सावन के महीने में लाखों भक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए देवघर पहुंचकर भगवान का जलाभिषेक करते हैं. देवघर में जलाभिषेक के बाद ज्यादातर श्रद्धालु दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर भी जाते हैं. यहां भी गुरुवार को सुबह 4:05 बजे श्रद्धालुओं ने बाबा पर जलार्पण शुरू किया. अनुमान है कि एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले में इस बार 50 से 60 लाख लोग पहुंचेंगे. गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि इस बार सावन और भादो महीने में 2 करोड़ से भी ज्यादा दर्शनार्थियों के पहुंचने का अनुमान है.


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