Seraikela kharsawan News: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक दुर्लभ बच्चे का जन्म हुआ है. पारगामा निवासी आशा सिंह सरदार ने 26 फरवरी 2025 को एक विचित्र बच्चे को जन्म दिया, जिसका वजन मात्र 1.5 किलोग्राम है.
बच्चे की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि उसके दो पैरों की जगह एक पूंछ जैसी संरचना है. डॉक्टरों के अनुसार यह एक दुर्लभ जन्मजात विकृति हो सकती है, जिसके लिए विशेष मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी. नवजात की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे तुरंत जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसका इलाज करेगी.
सरायकेला-खरसावां में दुर्लभ बच्चे का जन्म
बुधवार (26 फरवरी) को नीमडीह थाना क्षेत्र के पारगामा निवासी विनोद सिंह सरदार की पत्नी आशा सिंह सरदार को प्रसव पीड़ा हुई, तो उसे प्रसव के लिए नीमडीह CHC लाया गया, जहां आशा सिंह सरदार ने एक दुर्लभ बच्चे को जन्म दिया. बच्चे का वजन बहुत कम था, इसलिए उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया.
बच्चे के स्वास्थ्य की बारीकी से जांच कर रहे डॉक्टर
मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामले बहुत दुर्लभ होते हैं और इनकी सही पहचान और उपचार के लिए एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. फिलहाल, डॉक्टर बच्चे के स्वास्थ्य की बारीकी से जांच कर रहे हैं और आगे की चिकित्सा प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं. यह मामला मेडिकल जगत में एक दुर्लभ और अनोखे मामले के रूप में देखा जा रहा है और विशेषज्ञों द्वारा इसके उपचार और कारणों पर विचार किया जा रहा है.
सरायकेला-खरसावां के सिविल सर्जन ने क्या कहा?
सरायकेला-खरसावां के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए कहा, ''मेडिकल साइंस में इसे डिफॉर्मेटी बाई बर्थ कहा जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान जीन के म्यूटेशन के चलते ऐसे ऑर्गन बन जाते हैं.''
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