Jharkhand News: जमशेदपुर के सूर्य मंदिर में आयोजित विजय मिलन समारोह में BJP के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं नवनियुक्त उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल रघुवर दास ने सूर्य मंदिर कमेटी के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है. जहां मिलन समारोह में रघुवर दास अपने कार्यकर्ताओं के साथ समय बिता कर काफी भावुक नजर आ रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जमशेदपुर मेरी जन्मभूमि है और आखिरी सांस भी मैं जमशेदपुर में ही लूंगा. 


छठ महोत्सव को लेकर भी हुई चर्चा
जमशेदपुर सूर्य मंदिर समिति सिदगोड़ा के तत्वाधान में शनिवार को मंदिर परिसर के शंख मैदान में विजय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. समिति अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित मिलन समारोह में उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास भी शामिल हुए. इस दौरान संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह समेत समिति के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे. बैठक में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा पर स्वच्छता एवं पवित्रता के साथ छठ महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया.


इसके लिए दोनों तालाबों की सफाई, पेंटिंग, तालाबों में स्वच्छ जल भरने, बिना लाभ-हानि के पूजन सामग्री वितरण करने समेत भव्य सांस्कृतिक संध्या के आयोजन करने का निर्णय लिया गया. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि छठ पूजा में मंदिर परिसर के दोनों छठ घाटों की साफ-सफाई, मंदिर की पुष्प सज्जा, आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ सांस्कृतिक संध्या का भव्य रूप स आयोजन किया जाएगा. जिसमें देश के प्रख्यात कलाकारों से संपर्क कर प्रस्तुति के संदर्भ में अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं बैठक दौरान दानदाताओं ने 2 लाख तीस हजार की राशि का सहयोग किया. 


विधायक बनने से पहले से ही आध्यात्मिक कार्यों में रही रुचि 
इससे पहले, सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के द्वारा फूल-मालाओं से अभिनंदन कर शुभकामनाएं व्यक्त की गई. इस दौरान रघुवर दास ने कहा कि लौहनगरी वासियों के आस्था और सहयोग से सूर्य मंदिर समिति के छठ महोत्सव की चर्चा जमशेदपुर ही नही बल्कि झारखंड में होती है. विधायक बनने के पूर्व से ही उनकी आध्यात्मिक, सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यों में रुचि रही है.


जमशेदपुर में विधायक चुने जाने से पूर्व लॉटरी के माध्यम से जनसहयोग द्वारा भालूबासा में शीतला माता मंदिर, शीतला भवन एवं आशीष किशोर जैसे स्थानों का निर्माण कराया. सिदगोड़ा स्थित बीएमपी कैम्प में माता के मंदिर के उद्घाटन के मौके पर जब वे शामिल हुए तब उद्घाटन के दौरान सूर्य मंदिर निर्माण की घोषणा की थी. वर्ष 2003 में जनता के सहयोग से सूर्य मंदिर निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ हुआ एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मंदिर का विधिवत उद्घाटन किया. सूर्य मंदिर का स्थान उस समय बंजर भूमि थी एवं उसका अतिक्रमण भी हो रहा था. इसी को देखते हुए उन्होंने सूर्य मंदिर निर्माण की घोषणा की थी.  


‘षड्यंत्र और जात-पात की राजनीति नहीं की’
रघुवर दास   ने कहा कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी पूर्वक अपने काम को प्राथमिकता दी. लंबे राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में कभी षड्यंत्र और जात-पात की राजनीति नही की. इसी का परिणाम है कि एक मजदूर को जनता के आशीर्वाद से राज्य के मुख्य सेवक की जिम्मेदारी मिली. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील के एक मजदूर को जमशेदपुर की जनता और कार्यकर्ताओं ने झारखंड और देश में पहचान दिलाई. रघुवर दास ने कहा कि जब तक जीवन रहेगा, वे कहीं भी रहें उनके दिल में जमशेदपुर की जनता और कार्यकर्ता हमेशा रहेंगे.


जनता की सेवा और उनका प्यार मेरे जीवन की पूंजी है. इसे मैं हमेशा सहेज कर रखूंगा. वहीं, उन्होंने संवैधानिक पद का दायित्व मिलने के कारण सूर्य मंदिर के मुख्य संरक्षक के दायित्व से इस्तीफा देते हुए कहा कि एक सामान्य नागरिक की भांति सूर्य मंदिर से जुड़ा रहूंगा. सूर्य मंदिर के आयोजन की गरिमा और भव्यता सदैव बनी रहे. 


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