झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगे. मुर्शिदाबाद हिंसा पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल से अपील है कि वे केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करें ताकि कानून व्यवस्था में सुधार हो सके. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना दिल दहला देने वाली है. ये पहली बार नहीं हो रहा है. जब से ममता बनर्जी की सरकार बनी है तब से अवैध घुसपैठियों की तुष्टीकरण के कारण वहां के बंगाली समाज और हिंदू समाज पर लगातार अत्याचार हो रहा है.
बंगाल में अराजकता की स्थिति- रघुवर दास
रघुवर दास ने आगे कहा, "वक्फ बोर्ड की आड़ में राष्ट्र विरोधी शक्तियां हैं. जिहादी मानसिकता के लोग हैं जो अराजकता लाना चाह रहे हैं. हमारे हिंदू भाई-बहनों के साथ में जो घटना घटी है, आज सुबह पाकुड़ में रहने वाले मेरे कुछ कार्यकर्ता का फोन आया था कि हिंदू समाज के लोग मुर्शिदाबाद से भाग कर पाकुड़ में जाकर शरण लिए हुए है. आज बंगाल में अराजकता की स्थिति है. कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. पुलिस के सामने पुलिस की गाड़ी जलाई जा रही है. हत्या हुई है. मैंने राज्यपाल पश्चिम बंगाल से अपील है कि केंद्र सरकार को अनुशंसा करें कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो."
हफीजुल हसन के बयान पर क्या बोले?
इसके साथ ही उन्होंने झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन के शरीयत को संविधान से ऊपर बताने वाले कथित बयान की कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने कहा कि एक ओर वे संविधान की शपथ लेकर मंत्री पद लेते हैं, दूसरी ओर शरीयत को संविधान से बड़ा भी बताते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और अपमानजनक है. यही इनका असली चेहरा है. आज पूरा देश संविधान शिल्पी भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती मना रहा है. ऐसे समय में इस तरह का बयान देना न केवल बाबा साहब का अपमान है, बल्कि देश के संविधान का अपमान है और संवैधानिक पद का भी अपमान है. ऐसे मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए."
'क्या सजा में भी शरीतय कानून के पक्ष में हैं?'
पूर्व सीएम ने मांग की कि ऐसे बयान देने वाले मंत्री को भी यह पद छोड़कर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आदि किसी संस्था में कोई पद ले लेना चाहिए. शरीयत की वकालत करने वाले मंत्री क्या सजा में भी शरीयत कानून लागू करने के पक्ष में हैं, जिसमें अपराध करने पर कोड़े मारने का प्रावधान है?
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "हर मंच से संविधान की किताब दिखाकर उसे बचाने की बात करते हैं. लेकिन झारखंड में उनकी पार्टी के समर्थन से चल रही सरकार के मंत्री ही संविधान को मानने से इनकार करते हुए कह रहे हैं कि मुसलमान के लिए संविधान से पहले शरीयत है. क्या राहुल गांधी संविधान बचाने के लिए जेएमएम की सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा करने की हिम्मत दिखाएंगे या संविधान बचाने के नाम पर सिर्फ ढकोसला करते रहेंगे." (नीरज तिवारी की रिपोर्ट)