Jharkhand: झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक में तय हुआ कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे. विधायकों ने उनके नेतृत्व के प्रति एकजुटता व्यक्त की है. सभी ने एक स्वर में कहा कि ईडी (ED) जैसी एजेंसियों के जरिए सरकार को अस्थिर करने की साजिश का जमकर मुकाबला किया जाएगा. विधायकों ने कहा कि वे सीएम हेमंत सोरेन के हर फैसले के साथ खड़े हैं. हेमंत सोरेन ने गठबंधन के विधायकों से कहा कि वे इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं. झामुमो के विधायक सरफराज अहमद के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ी थी. अब इस पूरे मामले पर सरफराज अहमद की भी प्रतिक्रिया आई है.


झारखंड विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे पर सरफराज अहमद ने कहा, "मैंने अपनी मर्जी से ऐसा किया. पार्टी की जरूरत थी, इसलिए मैंने ऐसा किया. कोई डील नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि खुदा-न-खास्ता अगर कोई क्राइसिस होता है तो इसका इस्तेमाल होगा. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या आपकी सीट से कल्पना सोरेन चुनाव लड़ेंगी? इस पर उन्होंने कहा, "यह मैं नहीं जानता, ये पार्टी तय करेगी."



फिर से सरकार बनाने का किया गया दावा


गौरतलब है कि गांडेय के झामुमो विधायक सरफराज अहमद की 31 दिसंबर को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने और सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी की कार्रवाई की संभावना के बीच सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा पिछले तीन दिनों से जोर-जोर से चल रही थी. इस बात की भी जोरदार चर्चा रही थी कि सीएम हेमंत सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सत्तारूढ़ गठबंधन की नई नेता बनाई जाएंगी. हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन ने इस चर्चा को एक बार फिर खारिज किया है.


बैठक के बाद सरकार का चेहरा बदलने की जो बातें मीडिया में चल रही है, उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. विपक्ष के लोग हवा में बातें उछाल रहे हैं. उनका मकसद सिर्फ यही है कि सरकार को कमजोर किया जाए, लेकिन हमलोग हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करेंगे. केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई हम लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है. चुनावी वर्ष आया है तो इस तरह की गतिविधियां और बढ़ेंगी. हम कानूनी और राजनीतिक हर मोर्चे पर मुकाबला करेंगे और पांच साल का कार्यकाल पूरा कर फिर से सरकार बनाएंगे.


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