Jharkhand Caste Census: झारखंड में जातीय जनगणना को लेकर चर्चा तेज हो गई है. इस बीच झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने जाति जनगणना को लेकर सवाल किया है. इस पर हेमंत सोरेन सरकार की ओर से जवाब भी आया है. प्रदेश के मंत्री दीपक बिरुआ ने जातीय जनगणना को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया है. 

विधानसभा में प्रदीप यादव ने सवाल करते हुए कहा, ''जातीय जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह समाज का एक्स-रे है. हम जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं. तेलंगाना में जनगणना हो चुकी है. अब इस सरकार को भी इस पर कदम उठाना चाहिए. हमें बताएं कि सरकार ने इस पर अबतक क्या निर्णय लिया है?

मंत्री दीपक बिरूवा ने क्या दिया जवाब?

झारखंड के मंत्री दीपक बिरुआ ने जातीय जनगणना को लेकर विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, ''प्रदेश में जाति गणना प्रक्रियाधीन है. साल 2024 में सरकार ने इसे लेकर कार्मिक विभाग को काम का जिम्मा सौंपा. फिर 2025 में कार्मिक विभाग ने समन्वय का आदेश निकाला कि इसमें कितने लोगों की आवश्यकता पड़ेगी. इसे कौन एजेंसी करेंगी और किस स्तर पर इस काम को करना है, इसमें वित्तीय प्रवंधन जैसी सारी चीजें हैं. इसलिए हमलोगों ने लिखा है ये प्रक्रियाधीन है. इसे लेकर सरकार गंभीर है. हमलोग इसे आगे बढ़ा रहे हैं और आश्वस्त करते हैं कि इस राज्य में जातीय सर्वेक्षण होगा.'' 

अगले वित्तीय वर्ष में जातीय सर्वेक्षण का प्रयास- दीपक बिरुआ

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन में फिर उठकर कहा कि सरकार की तरफ से बहुत ही सकारात्मक उत्तर आया है. हालांकि उन्होंने फिर सवाल किया कि सरकार किस एजेंसी से सर्वेक्षण कराएगी ये स्पष्ट करे और सरकार की तैयारी क्या है? इस सवाल पर मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा, ''ये बात सही है कि सरकार इस पर गंभीर है. एजेंसियों से बात की है कि इसमें कितना वक्त लग सकता है. यह वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में हमलोग जातीय सर्वेक्षण को करने का प्रयास करेंगे.'' 

इससे पहले 21 मार्च को झारखंड की कृषि मंत्री और कांग्रेस नेता शिल्पी नेहा तिर्की ने राज्य में जातीय जनगणना की जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी के नेता राहुल गांधी का इस मुद्दे पर स्टैंड साफ है. 'जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का फॉर्मूला पूरे देश में लागू होना चाहिए.