Jharkhand Sindri Fertilizer & Chemical Plant: स्वतंत्र भारत के पहले उर्वरक संयंत्र के लिए मशहूर रहे झारखंड (Jharkhand) के सिंदरी (Sindri) के दिन फिर बहुरेंगे. यहां स्थापित हो रहा हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड का संयंत्र अगले 3 से 4 महीनों के भीतर शुरू कर दिया जाएगा. पीएमओ (PMO) से मिले संकेत के बाद आगामी मार्च-अप्रैल में इस नवस्थापित संयंत्र के उद्घाटन की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. गोरखपुर (Gorakhpur) में बीते मंगलवार को उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने खुद कहा था कि अगले साल 3 उर्वरक संयंत्रों में उत्पादन शुरू हो जाएगा. सिंदरी उर्वरक संयंत्र के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संयंत्र का 92.5 फीसदी काम पूरा लिया गया है. शेष बचे हुए काम 3 महीने के अंदर पूरे कर लिए जाएंगे. 


नीम कोटेड यूरिया का होगा उत्पादन 
बता दें कि, सिंदरी में बनाया जा रहा उर्वरक संयंत्र कोल इंडिया लिमिटेड और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम है और इसकी स्थापना पर लगभग 8 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. हालांकि शुरूआत में इसका बजट 62 सौ करोड़ रुपये तय किया गया था, लेकिन कोविड के चलते निर्माण कार्य में हुई देरी की वजह से लागत बढ़ गई है. सिंदरी संयंत्र के ग्रुप जनरल मैनेजर कामेश्वर झा ने बताया कि अगले मार्च के बाद यहां उत्पादन की शुरूआत हो जाएगी. इस संयंत्र से प्रतिदिन 2250 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यहां से उत्पादित होने वाला यूरिया नीम कोटेड होगा. कृषि के लिए इसे आदर्श उर्वरक माना जाता है.


31 दिसंबर 2002 में बंद हो गया कारखाना
सिंदरी में स्वतंत्र भारत के पहले उर्वरक कारखाने की शुरूआत 2 मार्च 1951 को हुई थी. हालांकि इसकी नींव 1934 में बंगाल में पड़े भीषण अकाल के बाद अंग्रेजी सरकार के कार्यकाल में ही डाली गई थी. फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के इस संयंत्र का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है, लेकिन 31 दिसंबर 2002 में ये कारखाना बंद हो गया था. इसकी वजह से हजारों लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा था. इसके बाद से ही इस कारखाने के पुनरुद्धार की मांग चल रही थी. अब नए सिरे से यहां हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड के संयंत्र की स्थापना होने से सिंदरी और धनबाद के इलाके में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार की उम्मीदें बढ़ी हैं. सिंदरी के साथ-साथ बिहार के बरौनी में भी उर्वरक संयंत्र का निर्माण चल रहा है. इन दोनों संयंत्रों का निर्माण फ्रांस की कंपनी टेक्निप कर रही है. 


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