Ranchi News: झारखंड में वन विभाग ने दो भालुओं को मदारियों से आजाद कराकर रविवार को रांची स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान पहुंचाया, जहां उनका तरबूज और शहद से स्वागत किया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दोनों वयस्क काले भालुओं को बोकारो के नावाडीह के पारसबनी गांव में जंजीर के सहारे पेड़ से बांधकर रखा गया था. रांची के बिरसा जैविक उद्यान के चिकित्सक डॉक्टर ओम प्रकाश साहू ने बताया कि दोनों भालुओं को सांसद और पर्यावरणविद मेनका गांधी की पहल पर बोकारो से पिजड़े में बंद कर रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान लाया गया. 

मेनका गांधी की संस्था को मिली थी जानकारीदोनों भालुओं को  यहां अलग-अलग पिजड़ों में पृथकवास में रखा गया है. दरअसल, मेनका गांधी की संस्था पीपुल्स फॉर एनिमल की टीम को दो भालुओं के मदारियों के कब्जे में होने की जानकारी मिली थी. जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को दी थी. गौरतलब है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के अनुच्छेद 1 के तहत काले भालू को विलुप्तप्राय जानवरों की श्रेणी में रखा गया है.

Jharkhand Sarkari Naukri: झारखंड के स्वास्थ्य विभाग में निकले बंपर पदों पर अप्लाई करने का अंतिम मौका, 660 पदों के लिए ऐसे भरें फॉर्म

ललितपुर में बनेगा देश का पहला रीछ भालू संरक्षण केंद्रआपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के मड़ावरा वन रेंज में जल्‍द ही देश का पहला रीछ भालू संरक्षण केंद्र बनाया जाएगा. इस योजना को वन विभाग के मुख्यालय की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य वन्यजीव परिषद को भेजा गया है. दरअसल ललितपुर जिले के मड़ावरा वन रेंज में स्थित रिछना पहाड़ी के आसपास के इलाके में रीछ-भालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें-

Petrol Diesel Price Today: क्या आज फिर महंगा हो गया Petrol- Diesel ? चेक करें दिल्ली सहित तमाम राज्यों में Fuel की ताजा रेट लिस्ट