Jharkhand News: झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी (ED) ने तीन हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में नीरज मित्तल, ताराचंद गुप्ता और राम भाटिया शामिल हैं. नीरज की गिरफ्तारी रांची से हुई जबकि अन्य दोनों को गिरफ्तारी दिल्ली से हुई. जानकारी के अनुसार ईडी ने नीरज मित्तल को समन जारी कर शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. यहां पूछताछ के बाद देर रात उसे गिरफ्तार करके शनिवार को जेल भेज दिया गया.


वहीं रामप्रवेश भाटिया को शनिवार दोपहर जबकि ताराचंद को शाम में दिल्ली से दबोचा गया. तीनों वीरेंद्र की अवैध कमाई की एंट्री और मनी लॉन्डिंग में शामिल थे. वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में ईडी ने दिल्ली पुलिस की एसीबी में तीन मार्च को एफआईआर कराई थी. इस केस को टेकओवर कर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. इसके बाद तीनों की गिरफ्तारी हुई. ईडी जांच में पता चला है कि जमशेदपुर से दिल्ली नगद भेजे जाते थे. नवंबर 2022 से जनवरी 2023 के दौरान पांच करोड़ रुपये नगद भेजे गए थे.


ईडी जांच में हुआ ये खुलासा
वहीं सीए मुकेश मितल के कहने पर इसके लिए हवाला कारोबारी रवि बाधवानी की मदद ली गई थी. इसके बदले में हर बार रवि बाधवानी को 3.50 तक कमीशन दिया गया. पैसे मिलने के बाद नीरज ने अलग खातों में एंट्री कर बोगस बिल तैयार किया. इसके बदले में उसे भी बड़ी रकम मिली. जांच में पाया गया कि वीरेंद्र राम के एक करीबी व्यक्ति ने दिल्ली के सीए मुकेश मित्तल से संपर्क कर उसकी काली कमाई को जायज करार देने की पहल की थी. इसके बाद बीरेंद्र राम अपने चचेरे भाई आलोक रंजन के साथ कई बार 20-25 लाख रुपये नगद राशि ले कर दिल्ली पहुंचा और सीए को दिया.



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