Jharkhand Meat Shop News: झारखंड में अनाधिकृत तरीके से संचालित मीट के शॉप (Meat Shop) के खिलाफ कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने बुधवार को राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे उनके क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से संचालत मीट शॉप के खिलाफ लिए गए एक्शन की रिपोर्ट पेश करें.


जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं. यह जनहित याचिका श्यामानंद पांडे नाम के एक शख्स ने दाखिल की थी. उन्होंने खुले में मीट बेचने का मुद्दा उठाया था. श्यामानंद पांडे ने कहा था कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद भी राज्य में हर तरफ गैरकानूनी तरीके से मीट की दुकानें संचालित हैं. 


खुले में टांगे जाते हैं जानवरों के शव
अपनी याचिका में श्यामानंद पांडे में कहा कि मरे हुए जानवरों के शव राजधानी की सड़कों पर खुले में टांगे जाते हैं जो कि नगर निगम के नियमों का घोर उल्लंघन है. ये दुकानें बिना लाइसेंस के सड़क किनारे चलाई जा रही हैं. हाई कोर्ट को रांची नगर निगम ने भी सूचना दी ती कि उनके द्वारा अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हालांकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बूचड़खाने कांके में है. बहुत कम ही मीट दुकान मालिक जानवरों को बूचड़खाने ले जाते हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होनी है.


कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से मांगी यह जानकारी
बता दें कि इस मामले में हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने झारखंड के सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध रूप से मीट शॉप चलाने वालों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. साथ ही उनसे पूछा गया कि जानवरों के मांस को ढकने के नियम को लागू करने के मुद्दे पर क्या कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने कहा था कि इस बात की जांच की जाए कि मीट दुकानदारों के पास वैध लाइसेंस है या नहीं.


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