IAS Vinay Kumar Choubey Arrested: झारखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को मंगलवार (20 ) को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि घंटों पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए चौबे को एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

दरअसल, 1999 बैच के आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री के सचिव समेत कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं. वहीं वर्तमान में पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं. एसीबी ने आबकारी विभाग के सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोप की जांच शुरू की है.

डेढ़ दशक में पहली बार किसी IAS पर ऐसी कार्रवाईएसीबी ने राज्य में पिछले डेढ़ दशक में पहली बार किसी आईएएस के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की है. विनय कुमार चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं. इससे पहले वह झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. उनके घर पर एसीबी की टीम ने मंगलवार सुबह दबिश दी थी. इसके बाद करीब 11 बजे पूछताछ के लिए साथ लेकर अपने कार्यालय पहुंची थी. इसके कुछ घंटे बाद राज्य में उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी बुलाकर पूछताछ की गई.

विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर से भी पूछताछराज्य सरकार ने पहले विनय कुमार चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी. एसीबी की एक टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए एजेंसी के मुख्यालय ले गई. आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी एसीबी ने पूछताछ की.

अक्टूबर में मारी थी रेड प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में विनय चौबे और गजेंद्र सिंह से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे थे. ईडी ने तब कई राज्य सरकार के अधिकारियों, शराब कारोबारियों और अन्य के परिसरों पर भी छापे मारे थे. इसमें चौबे, छत्तीसगढ़ के रिटायर आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर मेयर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कई अन्य शामिल हैं.