Jharkhand Hearing Begins in Lease Allotment And Shell Company Case: झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) में शुक्रवार को राज्य सरकार की तमाम आपत्तियों के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खनन मंत्री रहते हुए खनन पट्टा आवंटन और शेल (फर्जी) कंपनियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किए जाने से संबंधित मामलों की सुनवाई शुरू हो गई. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने दोहराया कि महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो रही है, लिहाजा मामले में तत्काल सुनवाई किए जाने की जरूरत है. झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में गुण-दोष के आधार पर बहस शुरू करने का निर्देश दिया, लेकिन राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने एक बार फिर सुनवाई टालने की मांग की, जिसे दरकिनार कर दिया गया.

नाराज हुए मुख्य न्यायाधीशराजीव रंजन ने तर्क दिया था कि चूंकि इस मामले में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री उच्चतम न्यायालय में दोबारा विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करना चाहते हैं, लिहाजा उन्हें और समय दिया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश इस बात से नाराज हुए. उन्होंने कहा कि, ''सर्वोच्च अदालत के पूर्व के आदेश के अनुरूप ही उच्च न्यायालय ने पहले मामले से जुड़ी याचिका की पोषणीयता (मेंटेनेबिलिटी) पर बहस सुनी और फिर तीन जून को पारित आदेश में इसे पोषणीय माना तथा गुण-दोष के आधार पर सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया. लिहाजा, अगर आपके पास शीर्ष अदालत से मामले में कोई स्थगन आदेश नहीं है तो इस पर आज से ही बहस शुरू होगी.''

साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा रही हैमामले में अपना पक्ष रखते हुए ईडी की ओर से पेश सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भारत सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एसवी राजू ने अदालत से कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द बहस प्रारंभ होनी चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही गंभीर व संवेदनशील मामला है और इसमें साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मामले को जानबूझकर लटका रही है, जिससे महत्वपूर्ण सक्ष्यों के नष्ट होने का खतरा है.

17 जून को होगी अगली सुनवाई लगभग 2 घंटे तक चली बहस के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने मुख्यमंत्री को खनन पट्टा आवंटन से जुड़े लाभ के पद मामले और फर्जी कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी मामलों की सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जून की तारीख निर्धारित की है. 

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