झारखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां हत्या के मामले मे पीड़ित दंपत्ति ने सात साल जेल में गुजारे लेकिन अब उन्हें रिहाई मिल गई. शुक्रवार (8 अगस्त) को लंबी सजा काटने के बाद अब कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव मे रिहा कर दिया है.

दरअसल, झारखंड के दुमका के रामगढ़ थाना क्षेत्र के बारापलासी के चित्तबेसरा गांव के मोहलीटोला का है. जहां एक भाई पर अपने भाई की बेरहमी से हत्या कर देने का आरोप लगा था. और उसे सात साल तक अपनी पत्नी के साथ जेल मे बिताना पड़े. 

इसमें कुल सात गवाह थे, जिनमें से एक को छोड़कर किसी ने भी हत्या करने का समर्थन नहीं किया. ऐसे में दुमका की एस एन मिश्रा की कोर्ट ने सबूत के आभाव में दंपत्ति को रिहा कर दिया. 

लाठी से पीटकर मारने का आरोप

ये घटना 06 मार्च 2018 की करीब साढ़े छह बजे शाम की है. शिकायतकर्ता रजनी देवी के मुताबिक उसके पति राजू मोहली बाजार गया हुआ था. इसी बीच भैसूर (राजू का बड़े भाई) पूरण मोहली और उसकी पत्नी छेदनी देवी सूर्याहु पूजा के चंदा मांगने के लिए कहा था लेकिन राजू बाजार गया हुआ था. इसी बीच लौटने के क्रम मे भैसूर और गोतनी ने मिलकर लाठी डंडे से बेरहमी से पीट पीट कर राजू की हत्या कर दीं.

मृतक की पत्नी के बयान पर हुई जेल

मृतक राजू की पत्नी रजनी देवी के बयान पर पुलिस ने जामा कांड संख्या 14/ 2018,धारा 302/34 भा द वि के तहत भैसूर पूरण मोहली और उसकी पत्नी छेदनी देवी को हत्या का आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया. 

ये केस सात साल तक चला. इस मामले में आरोपी के पक्ष में चीफ एल ए डी सी सिकंदर मंडल ने पैरवी की जबकि रजनी देवी की ओर से ऐपीपी बी हांसदा केस को लड़ा.

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