झारखंड में चाईबासा के सदर अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला और गंभीर हो गया है. शनिवार को जांच में थैलेसीमिया से पीड़ित चार और बच्चे एचआईवी पॉज़िटिव मिले हैं. जिसके बाद ये संख्या बढ़कर पांच हो गई है. इससे पहले शुक्रवार को एक सात साल का बच्चा एचआईवी पॉजिटिव मिला था.
एक दिन पहले सात के बच्चे के परिवार ने चाईबासा शहर के स्थानीय ब्लड बैंक द्वारा एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद रांची से पांच सदस्यीय मेडिकल टीम इस मामले की जांच के लिए शनिवार को पहुंची थी.
थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे मिले HIV पॉज़िटिव
मेडिकल टीम की जांच के दौरान उसी इसी कस्बे तभी उसी कस्बे में थैलेसीमिया से पीड़ित चार और बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने का खुलासा हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि जिस बच्चे में सबसे पहले एचआईवी संक्रमण का पता चला था, उसे ब्लड बैंक आने के बाद से लगभग 25 यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है.
ये सभी बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित थे और उन्हें चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में ख़ून चढ़ाया गया था. पीटीआई ने जिला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो मांझी के हवाले से बताया कि दूषित सुइयों के संपर्क में आने की वजह से बच्चों में एचआईवी संक्रमण हो सकता है.
ब्लड बैंक में कई अनियमितताएं मिलीं
इस मामले की जांच के लिए जो पांच सदस्यीय मेडिकल टीम गठित किया गई है उसका नेतृत्व झारखंड के स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने किया. टीम ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक और बच्चों के आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया और इलाज के लिए आए मरीजों से बातचीत भी की.
डॉ मांझी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि थैलेसीमिया के एक मरीज को दूषित रक्त चढ़ाया गया था. ब्लड बैंक में कुछ अनियमितताएं पाई गईं है, एक सप्ताह के अंदर इन सभी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में इस समय 515 एचआईवी पॉजिटिव मामले है जबकि 56 मरीज थैलेसीमिया से पीड़ित है.