Bangladeshi Infiltration: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) ने कुछ दिनों पहले झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर चिंता जाहिर की थी. वहीं अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यपाल के बयान पर पलटवार किया है. दरअसल, झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, राज्यपाल अब बीजेपी के लिये एजेंडा तैयार करने में लगे हैं. उन्होंने साफ कहा कि, झारखंड की कोई सीमा बांग्लादेश से नहीं लगती है फिर घुसपैठ का सवाल कहा से उठता है. उन्होंने कहा कि जब सीमा पर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात है तो घुसपैठ कैसे संभव है. 


अगर ऐसा है तो सीमा पर जो जवान तैनात है वे बादाम फोड़ने का काम करते है क्या जिस कारण घुसपैठ हो जाती है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल से कहा है कि, उन्हें बंग्लादेश की चिंता छोड़ मणिपुर की चिंता करनी चाहिए. सुप्रियो भाटाचार्य ने आगे कहा कि, राज्यपाल आदिवासी राज्य झारखंड के संवैधानिक पद पर बैठे हैं, फिर मणिपुर में आदिवासियों के साथ जो अत्याचार हो रहा है उसपर राज्यपाल क्यों कुछ नहीं कहते हैं. उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है जिसके तहत राज्यपाल बीजेपी के लिए एजेंडा तैयार कर रहे हैं, ताकि मानसून सत्र में बीजेपी इसे मुद्दा बना सके.


'अगर राज्यपाल के पास कोई सबूत हो तो सामने लाएं'


झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल ने कहा कि, आपके पास क्या सबूत है? राज्यपाल बताएंगे कि किसने किस बांग्लादेशी से और कब शादी की, केवल बाबूलाल और अनंत ओझा के कह देने से ही घुसपैठ साबित नहीं हो जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बल केंद्र सरकार के अंडर में है तो राज्यपाल को इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से ही बात करनी चाहिए कि घुसपैठ कैसे हो रहा है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उन्हें मॉब लिंचिंग, 1932 के खतियान, सरना धर्म कोड और ओबीसी के लिए आरक्षण से काफी तकलीफ है. दरअसल, इन लोगों की मानसिकता ही आदिवासी विरोधी है.


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