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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार (1 अगस्त) को धनबाद पहुंचीं. यहां आईआईटी आईएसएम के 45वे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई. उन्होंने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की संस्थान ने नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज समय की मांग है की रिसर्च एंड डेवलपमेंट और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए, जिसमें संस्थान अग्रणी भूमिका निभा रहा है.


उन्होंने दीक्षांत समारोह के दौरान 32 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा. उन्होंने डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनकी शुरुआत है. आगे जीवन में वह व्यक्तिगत उन्नति नहीं बल्कि सामूहिक विकास के लिए प्रयास करें तभी वर्ष 2047 तक हमारा विकसित राष्ट्र का लक्ष्य पूरा होगा.






छात्रों को भारतीय जीवन दर्शन को अपनाने की कही बात


इससे पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हमें अर्थनीति में अग्रणी होना है लेकिन अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने वसुदेव कुटुंबकम की बात करते हुए छात्रों को भारतीय जीवन दर्शन को अपनाने की बात कही.


'झारखंड से घनिष्ठ संबंध है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का'


भविष्य मैं तकनीक के खतरे को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि गूगल चैटजीपीटी, ग्रौक जैसे एप्लीकेशन को हम अपना गुरु बना रहे हैं यह डिस्ट्रक्टिव गुरु है जिनसे हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है. राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से घनिष्ठ संबंध है क्योंकि 6 वर्षों से ज्यादा यहां के राज्यपाल के तौर पर रही और यहां के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा.