Ranchi News: झारखंड सरकार ने राशन कार्ड धारकों और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को कम से कम दो फलदायी पौधे देने का फैसला किया है, ताकि ग्रामीण अपनी आय बढ़ा सकें और इस कदम से पर्यावरण की रक्षा भी हो सके. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव की उपस्थिति में जिलों के उपायुक्तों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और उन्हें सुनिश्चित करने को कहा कि सभी राशन कार्ड धारकों और अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को कम से कम दो फलदायी पौधें रोपणे को दिए जाएं. सीएम ने कहा, ‘इससे न केवल ग्रामीणों की आय बढ़ेगी बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम होगा.’


यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, सोरेन ने कहा कि सरकार की ‘बिरसा हरित ग्राम’ योजना भी गांवों को हरा-भरा बनाने में प्रभावी होगी. उन्होंने कहा कि इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों के उन्नयन के लिए 9,538 ग्राम पंचायतों में क्रियान्वित किया जा रहा है. रोजगार की तलाश में ग्रामीण इलाकों से लोगों के पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए सोरेन ने कहा कि हर पंचायत में कम से कम पांच योजनाओं का संचालन किया जाए. इन्हें प्राथमिकता के साथ लागू करें ताकि मजदूरों को अपने गांव में ही रोजगार मिल सके.



हर महीने मनाया जाएगा 'स्पोर्ट्स डे'


सरकार मनरेगा के तहत रोजगार सृजित करने के वास्ते राज्य के 4,153 पंचायतों में विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है. वर्तमान वित्त वर्ष में जून तक 297 लाख मानव कार्यदिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित है जिसमें अभी तक 240 लाख से ज्यादा मानव कार्यदिवस का सृजन हो चुका है जो लक्ष्य का लगभग 80 प्रतिशत है. खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में महीनें में एक दिन स्पोर्ट्स डे के रूप में मनाया जाय और इस दिन विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन हो. उन्होंने दिव्यांग बच्चों के लिए भी इस तरह की खेल योजना बनाने का निर्देश दिया.


35 हजार प्रज्ञा केंद्र बनाने के निर्देश


पंचायती राज विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रज्ञा केंद्रों की संख्या मौजूदा 20 हजार से बढ़ाकर अगले 35 हजार करें और तीन महीने में सुनिश्चित करें कि इन केंद्रों में बिजली, पेयजल, जेनरेटर, इंटरनेट और सुरक्षा सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हो. गौरतलब है कि झारखंड में प्रज्ञा केंद्र ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक सेवाओं, सामाजिक कल्याण योजनाओं, स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं, वित्तीय योजनाओं और शिक्षा एवं कृषि योजनाओं का लाभ दिलाने का एकल खिड़की बिंदु है.


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