Jharkhand News: झारखंड के दुमका (Dumka) में बीजीआर कंपनी को हरे पेड़ पौधों को काटना भारी पड़ गया है. दरअसल, वन विभाग ने कंपनी के महाप्रबंधक सहित पांच लोगों पर पेड़ काटने के मामले में वन अधिनियम के तहत सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराया है. बता दें कि, उपराजधानी दुमका में बीजीआर कंपनी कुरुआ रेलवे स्टेशन के पास कोल डंपिंग यार्ड बनाना चाहती थी और यार्ड बनाने में स्टेशन के पास काफी संख्या में हरे पेड़-पौधे थे जो यार्ड के लिए बाधक बन रहे थे. ऐसे में कंपनी के अधिकारीयों ने बिना वन विभाग के अनुमति से रातो रात 542 हरे पेड़-पौधे कटवा डाले और काटे गए पेड़ को गायब भी करवा दिया.


जब्त हुआ लकड़ी से भरा ट्रैक्टर


वहीं वन विभाग को 26 जून को इसकी जानकारी मिली, तो डीएफओ दुमका ने वन विभाग के टीम के साथ इसकी जांच की. वहीं जांच के दौरान एक ट्रैक्टर में लदे करीब 70 बोटा (लकड़ी का टुकड़ा ) को जब्त किया गया. हालांकि, अधिकारियों को देख वहां मौजूद लोग लकड़ी से लदे ट्रैक्टर को छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद आसानबनी  वन विभाग के फॉरेस्टर जितेंद्र प्रसाद सिंह ने कंपनी और रेल अधिकारियों के खिलाफ वन अधिनियम के खिलाफ सीजेएम कोर्ट दुमका में मामला दर्ज कराया.


बीजीआर कंपनी ने काटे 542 पेड़


फॉरेस्टर जितेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने लिखित शिकायत में कहा है कि, 26 जून को वनरक्षी को पता चला कि कुरुआ रेलवे स्टेशन से आंदिपुर ओवरब्रिज तक बीजीआर कंपनी के अधिकारियों के आदेश पर लगे 542 हरे पेड़-पौधे को स्थानीय लोगों के मदद से कटवा दिया गया. साथ ही उन लकड़ियों को भी गायब करवा दिया गया. यही नहीं पेड़ कटाई के बाद उस जगह को मशीन के द्वारा समतल भी करवा दिया गया. जांच में पहुंचे वन विभाग की टीम ने मौके पर लकड़ी से लदे एक ट्रैक्टर को जब्त किया है. वन विभाग ने कंपनी के जीएम मीसा रविन्द्र, प्रबंधक बी कुमार स्वामी रेड्डी, अभियंता उसाला नागार्जुन, ईस्टर्न रेलवे रामपुरहाट के अभियंता मुकेश कुमार, सहायक अभियंता रामबालक महतो को आरोपी बनाते हुए सीजेएम के यहां मामला दर्ज कराया है.


कोयला डंपिंग के लिए बन रहा यार्ड


यहां बता दें कि बीजीआर कंपनी पाकुड़ के आमड़ापाड़ा स्थित नॉर्थ ब्लॉक पचुवाड़ा कोल माइंस से कोयले की खुदाई कर उसे दुमका रेलवे स्टेशन के सामने जमा करती है और उसे रेल मालगाड़ी के सहायता से पश्चिम बंगाल भेजती है. दुमका में कोयले के भंडारण के लिए यार्ड विस्तार की योजना है और इसी योजना को लेकर कंपनी कुरुआ रेल स्टेशन के समीप यार्ड बना रही थी, जिसकी अनुमति हावड़ा डिवीजन द्वारा मिला था.


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