Rahul Gandhi Case: बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने ट्विट किया है कि राहुल ने जिस बिल को फाड़ा था, आज उसी की वजह से राहुल की सदस्यता जा सकती है. निशिकांत ने ट्विटर पर लिखा, "अहंकार आदमी को बर्बाद करता है, राहुल गांधी जी ने 2013 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के सामने एक बिल को फाड़ा था. वह बिल यह था कि सजा के तुरंत बाद नहीं 3 महीने बाद सांसद या विधायक की सदस्यता जाएगी. विधि का विधान अहंकार की सजा राहुल जी को मिली, हो सकता है कि सदस्यता चली जाए"


क्या है ये मानहानि का मामला?
कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी को गुरुवार (23 मार्च) को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा "मोदी उपनाम" के बारे में उनकी टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई. हालांकि इसके तुरंत बाद उन्हें बेल भी मिल गई.






2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, "कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?" कांग्रेस नेता के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा, राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराने वाले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने उन्हें जमानत दे दी और उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया.


बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. पूर्णेश मोदी भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे और सूरत पश्चिम विधानसभा से विधायक हैं. कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी गांधी के लिए शक्ति और समर्थन दिखाने के लिए सूरत में इकट्ठे हुए.


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