लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि SIR की प्रक्रिया में उनके माता-पिता का नाम कट गया. बीजेपी सांसद ने कहा कि इस बात की उन्हें खुशी है क्योंकि उनके माता-पिता दिल्ली में रहते हैं और इसलिए बिहार में वोट देने का उन्हें अधिकार नहीं है. 

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SIR का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा, "मेरे मां-पिताजी गांव में नहीं थे. मेरे मां-पिताजी मेरे साथ दिल्ली में रहते हैं. मुझे खुशी है कि उनका नाम कटा क्योंकि वो दिल्ली में रहते हैं तो किसी कीमत पर बिहार में वोट देने के अधिकारी नहीं थे."

EVM राजीव गांधी लेकर आए- निशिकांत दुबे

ईवीएम का जिक्र करते हुए गोड्डा से सांसद ने कहा, "ये ईवीएम कौन लेकर आई? ये ईवीएम कांग्रेस लेकर आई. पहली बार 1987 में पायलट प्रोजेक्ट के नाते राजीव गांधी ईवीएम लेकर आए. 1991 में जब नरसिम्हा राव की सरकार आई तो उन्होंने तय किया कि ईवीएम आएगा. 1961 और 1971 के सलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष जगन्नाथ राव कांग्रेसी थे. 1971 की जो रिपोर्ट बनी उसमें एचआर गोखले, जो कांग्रेस के लॉ मिनिस्टर थे, दोनों रिपोर्ट में ये कहा कि SIR की आवश्यकता है."

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इतिहास के पन्नों को तोड़ना-मरोड़ना कांग्रेस से सीखें- दुबे

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "अगर किसी को इतिहास के पन्नों को तोड़ना या मरोड़ना है तो उसको कांग्रेस से सीख लेनी चाहिए. आज कांग्रेस वक्ता ने बड़ा भाषण देते हुए कहा कि राजीव गांधी ने 1988 में इस देश में इलेक्टोरल रिफॉर्म्स का सबसे बड़ा संसोधन किया. क्या संसोधन किया? 21 साल जो उम्र थी उसको 18 साल कर दिया. 1972 के ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट ने रेकमेंड किया कि 21 के बदले 18 साल होना चाहिए...आप उसको 16 साल बाद लागू कर पाए." 

निशिकांत दुबे ने गिनाए ये आंकड़े

निशिकांत दुबे ने संसद में कुछ आंकड़े भी गिनाए. उन्होंने बिहार की वाल्मिकी नगर सीट का जिक्र किया. उन्होंने कहा यहां वोट का डिलीशन 2311, वहां से 1675 वोट से कांग्रेस जीत गई. चनपटिया सीट पर SIR से डिलीशन 1033 हुआ, कांग्रेस 602 वोट से जीती. ढाका सीट पर डिलीशन 457 हुआ, 178 वोट से आरजेडी जीती. फारबिसगंज सीट पर डिलीशन 1400 हुआ, 221 वोटों से कांग्रेस जीती. बलरामपुर सीट पर 1468 डिलीशन हुआ, एलजेपी (आर) 389 वोट से जीती. रामगढ़ सीट पर 1197 डिलीशन हुआ, 30 वोट से बहुजन समाज पार्टी जीती. जहानाबाद 1832 डिलीशन हुआ, 793 वोटों से आरजेडी जीती. इन आंकड़ों को गिनाने के बाद उन्होंने कहा, "हम हारने वाले हैं...लेकिन वोट की राजनीति नहीं करते, हम देश की राजनीति करते हैं."