Jharkhand News: झारखंड के रांची के प्रसिद्ध रिम्स यानी राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब जानकारी सामने आई कि इसने कैम्पस में सरस्वती पूजा मनाने पर रोक लगा दी है. इसके बाद क्या था जूनियर डॉक्टर्स नाराज हो गए और उन्होंने प्रदर्शन कर दिया. इस प्रदर्शन के आगे अस्पताल प्रशासन झुक गया और बैन वापस ले लिया. 

हालांकि इन सबके बीच बीजेपी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता इरफान अंसारी को निशाने पर लिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इरफान अंसारी पर सांप्रदायिक मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि वह ऐसे फैसले ले रहे हैं जो कि धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन पैदा कर रहा है.

सांप्रदायिक विचारधारा को बढ़ावा दे रहे इरफान अंसारी - मरांडी

बाबूलाल मंराडी ने 'एक्स' पर लिखा, ''यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इरफान अंसारी जैसे लोगों को रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की जिम्मेदारी दी गई है. उनकी सांप्रदायिक विचारधारा और फैसले सांस्कृतिक और धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं. ताजा मामला सरस्वती पूजा को लेकर उठाए गए सवालों का है. सरस्वती पूजा कोई साधारण धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह हमारी शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति की आत्मा है.''

प्रशासन ने वापस लिया तुगलकी फरमान - मरांडी

मरांडी ने कहा, '' यह वह परंपरा है जो पीढ़ियों से हमारे समाज को एक सूत्र में पिरोती आई है लेकिन आज इसे रोकने की कोशिशें हो रही हैं. सवाल यह है कि अगर आज सरस्वती पूजा पर आपत्ति की जा रही है, तो क्या कल हमारी संस्कृति और देवी-देवताओं के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे?'' मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से संज्ञान लेने की मांग की थी. 

सरस्वती पूजा के आयोजन की मंजूरी मिलने के बाद मरांडी ने एकबार फिर ट्वीट किया और कहा, ''जानकारी मिली है कि रिम्स प्रशासन ने रिम्स के डाक्टरों, छात्रों एवं वहां के जनभावना का सम्मान करते हुए सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं करने देने का अपना तुगलकी आदेश अब वापस ले लिया है.''

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